सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की तत्काल रिहाई का दिया आदेश
Nithari Killings Case:साल 2006 के प्रसिद्ध निठारी सीरियल किलिंग मामले में एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है। सुरेंद्र कोली के खिलाफ दर्ज 12 मामलों में हुई दोषसिद्धि को बरकरार रखे जाने वाले फैसले को रद्द कर दिया है और इस वजह से उसे फौरन रिहा किए जाने का आदेश मिल गया है।
क्या है निठारी कांड?
दरअसल, 07 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था, बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले CBI को ट्रासंफर कर दिए गए थे। CBI ने आरोप लगाया गया कि पंढेर की कोठी से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ कर उनके साथ कुकर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता। हालांकि, निठारी गांव के लोगों का कहना है कि पंढेर की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता था। उनका कहना है कि वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे। उसे विदेशों में बेंचा जाता था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
निठारी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत पर्याप्त नहीं थे। अदालत ने कहा कि जिन साक्ष्यों पर मुकदमा आधारित था जैसे कंकाल व अन्य वस्तुओं की खुले‑नाले से उठाई गई बरामदगी वे कानून की मान्यताओं के अनुरूप नहीं थे। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि केवल उन रिकवरी को स्वीकार किया जा सकता है, जो सिर्फ आरोपी की पहुँच वाले स्थान से की गई हों और आरोपी ने स्वैच्छिक बयान दिया हो। लेकिन यह मामला में लागू नहीं हुआ था। जिस वजह से कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले में कोई पिवर्टेड लॉजिक नहीं पाया गया।
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