‘साक्षी ने संन्यास ले लिया, हमने भी संन्यास ले लिया...’, संजय सिंह की बर्खास्तगी पर बोले बृजभूषण शरण सिंह
WFI: खेल मंत्रालय ने आज कुश्ती संघ को रद्द करके पूरे देश को हैरान कर दिया है। हालांकि इस पर पहलवान का समर्थन सामने आ रहा है। खेल मंत्रालय ने बयान में कहा, डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित कार्यकारी संस्था द्वारा लिए गए फैसले डब्ल्यूएफआई और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन हैं। ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिये जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को विचारार्थ रखा जाना आवश्यक होता है। इस पर अब बृजभूषण का बयान सामने आया है।
खेल मंत्रालय पर बृजभूषण का बयान
बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि 'हर फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया कि हम इसे नहीं चला सकते है। 15-20 साल के बच्चों का भविष्य खराब ना हो इसलिए इस टूर्नामेंट को नंदनीनगर में कराने का फैसला किया गया। चार दिन में टूर्नामेंट कराना था। देश के 25 के 25 फेडरेशनों ने हाथ खड़े कर दिए और 31 दिसंबर तक यह टूर्नामेंट कराना था।
प्रेस कॉन्फ्रेस कर बृजभूषण ने दिए सारे सवालों के जवाब
उन्होंने कहा, 'हमारे पास नंदनीनगर में हमारा सारा इंफ्रास्ट्रक्चर है। सभी फेडरेशनों ने इस पर अपनी सहमति दी। मैंने 12 साल में कैसा काम किया उसका मूल्यांकन मेरा काम करेगा। मैं कुश्ती से सन्यास ले चुका हूं।' अब ये चुने हुए लोग अपना फैसला ले लिया, मैंने कुश्ती से सन्यास ले लिया है। मेरा लोकसभा का चुनाव आ रहा है उसकी तैयारी करनी है। अब जो नई फेडरेशन आ रही है कोर्ट जाना है या सरकार से बात करनी है वो ये तय करेंगे।
“वो इस टूर्नामेंट को अपनी देखरेख में करा ले”
उन्होंने आगे कहा कि अभी भी मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वो इस टूर्नामेंट को अपनी देखरेख में करा ले। वो हमारे नेता है हम उनसे मिलते रहेंगे। लेकिन इस संबंध में कुछ बात नहीं है। मुझे लगा कि इस पोस्टर (दबदबा है, दबदबा रहेगा वाले) में अहंकार की बू आ रही है इसलिए पोस्टर को हटा दिया। चुनाव आने वाले हैं मैं कभी भी किसी से मिल सकता हूं।
“साक्षी ने भी सन्यास ले लिया, हमने भी सन्यास ले लिया”
उन्होंने कहा कि मैंने आपको बताया था कि मैंने 21 दिसंबर को ही कुश्ती से अपना नाता तोड़ लिया है। नई संस्था का चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सरकार के आदेश से लोकतांत्रिक तरीके से हुआ है। अब नई संस्था को तय करना है कि क्या करना है और क्या नहीं। मैं चाहूंगा कि नए अधिकारी अपना कार्यालय चुनें। संजय सिंह भूमिहार हैं और मैं क्षत्रिय हूं, हम दोनों में दोस्ती हो सकती है। साक्षी ने भी संन्यास ले लिया, हमने भी संन्यास ले लिया, बात खत्म।बहुत काम है मेरे पास। मैं अपना काम करूंगा और अपना चुनाव देखूंगा।
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