US Fed का बड़ा कदम, रेट कट से ग्लोबल मार्केट में हलचल; अब भारतीय बाजार में क्या होगा?
US Fed Rate Cut: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) ने 10दिसंबर 2025को अपनी आखिरी बैठक में ब्याज दरों में 25बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया। इससे फेड फंड्स रेट का रेंज 3.5%से 3.75%हो गया है, जो लगभग तीन सालों में सबसे निचला स्तर है। यह 2025की तीसरी लगातार कटौती है, जिसके जरिए फेड रोजगार को बढ़ावा देने और मुद्रास्फीति को 2%के लक्ष्य पर रखने की कोशिश कर रहा है। तो चलिए जानते है इस फैसले से भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
फेड ने तीसरी बार किया रेट कट
बता दें, फेड की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया। रिजर्व बैलेंस पर ब्याज दर को 3.65%तक घटाया गया। इस साल कुल 1.75%की कटौती हो चुकी है। फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन रोजगार वृद्धि में सुस्ती को देखते हुए यह कदम उठाया गया। 2026के लिए सिर्फ एक कटौती का अनुमान लगाया गया है, जो पहले की उम्मीदों से कम है और बाजार में थोड़ी निराशा पैदा कर सकता है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, लेकिन रोजगार बाजार में चुनौतियां बनी हुई हैं। दरअसल, फेड का मुख्य लक्ष्य अधिकतम रोजगार और 2%मुद्रास्फीति है। हालिया डेटा से पता चलता है कि अमेरिकी नौकरी बाजार में ठहराव आया है, जिसके चलते यह कटौती की गई। यह फैसला ट्रंप प्रशासन के आने से पहले का आखिरी है, जो वैश्विक बाजारों पर असर डाल सकता है।
भारतीय बाजार पर पड़ेगा कितना असर?
दूसरी तरफ, भारतीय शेयर बाजार में इस कटौती का असर सीमित रहने की संभावना है, क्योंकि यह पहले से ही अपेक्षित था। हालांकि, डॉलर में कमजोरी से भारतीय रुपया मजबूत हो सकता है, जो 2025 के अंत तक 90/USD से नीचे रह सकता है और 2026 तक 86/USD तक पहुंच सकता है। इससे आयात सस्ता होगा, लेकिन निर्यात पर दबाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त देखी जा सकती है, लेकिन एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) की बिकवाली जारी रह सकती है। 2025 में अब तक 18 अरब डॉलर की रिकॉर्ड बिकवाली हो चुकी है। रेट सेंसिटिव सेक्टर जैसे बैंकिंग, रियल एस्टेट और ऑटो में उतार-चढ़ाव संभव है।
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