सूरज पर Aditya-L1 का ‘सूर्य नमस्कार’, प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा को बताया जटिल और पेचीदा
Aditya Satellite L1: ISRO ने नए साल पर एक बड़ा इतिहास रच दिया है। बता दें कि पांच महीने बाद आदित्य सैटेलाइट L1 प्वाइंट के हैलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया है। इसी के साथ आदित्य की यात्रा खत्म हो चुकी है। इस मिशन की खुद पीएम मोदी ने तारीफ की है। इसको लेकर पीएम मोदी ने भी ट्विट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची।
इसरो ने नए साल में कर दिया इतिहास
पीएम मोदी ने कहा कि यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।
आदित्य ने सूर्य को किया नमस्कार
बता दें कि इसरो ने सूर्य का अध्यन करने के लिए पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन आदित्य L1 को भेजा है। जो आज हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो गया है। एल प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुछ दूरी का लगभग एक प्रतिशत है। इसरो ने पिथले साल 2 सितंबर को सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्या को रवाना किया था।
अब यहां से सूर्य पर लगी जाएंगी नजर
वहीं अब भारत के पहले सोलर ऑब्जरवेटरी की धरती से दूरी 15 लाख किलोमीटर है। 400 करोड़ रुपये का ये मिशन अब भारत समेत पूरी दुनिया के सैटेलाइट्स को सौर तूफानों से बचाएगा। लैंग्रेंज प्वाइंट वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरूत्वाकर्षण शून्य हो जाता या फिर निष्क्रिय हो जाता है। हेलो ऑर्बिट में आदित्य के पहुंचने के बाद वहां से सूर्य पर लगातार नजर रखी जा सकती है। और उससे संबंधित जानाकरी बी हालिस की जा सकती है।
इसको लेकर इसरो ने कहा कि हेलो प्वाइंट से सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को बेहतर तरीके से अंदाजा लगाया जा सकता है।
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