इजरायली हमले में मारे गए साइंटिस्ट-कमांडर...परमाणु ठिकाने हुए तबाह, जानें और क्या-क्या हुआ नुकसान
Israel war News: इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इस हमले में ईरान की नतांज परमाणु सुविधा, बैलिस्टिक मिसाइल विकास केंद्र और कई प्रमुख सैन्य ठिकाने नष्ट हो गए। ईरान के सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस हमले में उनके कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इजरायल के इस हमले ने क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
हमले की वजह और विवरण
इजरायल ने यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्तित्वगत खतरे के रूप में देखते हुए किया। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान में कहा "ईरान का परमाणु हथियार कार्यक्रम पूरी दुनिया के लिए खतरा है। हम अपने नागरिकों की रक्षा के लिए यह कदम उठाने को मजबूर थे।" यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। इजरायल ने बार-बार चेतावनी दी थी कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं देगा। इसके अलावा 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले हुए जिसमें ईरान की वित्तीय सहायता की बात सामने आई थी। जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया।
हमले का दायरा और प्रभाव
इजरायली वायुसेना (IAF) ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत दर्जनों ड्रोन और मिसाइलों के साथ ईरान के नतांज और अन्य परमाणु सुविधाओं पर सटीक हमले किए। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने बताया कि हमले में नतांज परमाणु सुविधा को भारी नुकसान पहुंचा। जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का दिल माना जाता है। इसके अलावा तेहरान, इलम और खुजेस्तान प्रांतों में 20 से अधिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक इस हमले में मारे गए। ईरान ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया और अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
ईरान का जवाब और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ईरान ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की जिसमें उसने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं। लेकिन इजरायल के आयरन डोम ने अधिकांश मिसाइलों को निष्क्रिय कर दिया। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हमले की निंदा करते हुए इसे शैतानी कृत्य करार दिया और जवाबी हमले की चेतावनी दी। संयुक्त राष्ट्र से तत्काल बैठक बुलाने की मांग की गई है। अमेरिका ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया। लेकिन कहा कि इजरायल ने आत्मरक्षा के लिए यह कदम उठाया।
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