दिल्ली में विमानन सुरक्षा पर खतरा! GPS सिग्नल में फेक अलर्ट से मचा हड़कंप, DGCA ने बढ़ाई निगरानी
Delhi Airport Alert: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर पिछले सात दिनों से जीपीएस स्पूफिंग की गंभीर घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे विमानों के नेविगेशन सिस्टम में फेक अलर्ट और गलत पोजिशन की समस्या हो रही है। ये फेक सैटेलाइट सिग्नल असली जीपीएस सिग्नल से ज्यादा मजबूत होते हैं, जिससे विमान की लोकेशन गलत बताई जा रही है और टेरेन वार्निंग भी भ्रामक हो रही हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस मुद्दे पर जांच शुरू कर दी है, और अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। यह समस्या नवंबर 2025की शुरुआत से बढ़ी है, जिससे उड़ानों में देरी और डायवर्जन की घटनाएं बढ़ गई हैं।
दिल्ली हवाई क्षेत्र में उड़ाने प्रभावित
पिछले हफ्ते से दिल्ली हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने वाले विमानों को जीपीएस स्पूफिंग का सामना करना पड़ रहा है। स्पूफिंग के कारण विमान के सिस्टम गलत लोकेशन दिखा रहे हैं, जिससे पायलटों को फेक टेरेन अलर्ट मिल रहे हैं। यह समस्या IGIA से 60नॉटिकल मील दूर तक प्रभावित कर रही है, जिससे मुख्य रनवे पर उड़ान संचालन बाधित हो रहा है। एयरलाइंस ने बताया कि फेक सिग्नल के कारण नेविगेशन में गड़बड़ी हो रही है और कुछ उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों की ओर मोड़ा गया है। विशेष रूप से रनवे 10/28पर लैंडिंग करने वाली उड़ानों को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ रहा है।
जीपीएस स्पूफिंग क्या है?
जीपीएस स्पूफिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें फेक सैटेलाइट सिग्नल भेजकर असली सिग्नल को ओवरराइड किया जाता है। इससे विमान का नेविगेशन सिस्टम भ्रमित हो जाता है और गलत डेटा प्रदान करता है। यह समस्या भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ आम है, लेकिन अब दिल्ली जैसे व्यस्त हवाई क्षेत्र में फैल गई है। स्पूफिंग से विमान की पोजिशन गलत बताई जाती है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाता है।
इस स्पूफिंग की वजह से दिल्ली हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ बढ़ गई है, जबकि कई उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा है। पायलटों को फेक अलर्ट से निपटने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है, जो उड़ान संचालन को प्रभावित कर रहा है। सरकार ने संसद में मार्च 2025में बताया था कि सीमा क्षेत्रों में 465ऐसी जीपीएस हस्तक्षेप की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो अब राजधानी तक पहुंच गई हैं। इससे यात्रियों को असुविधा हो रही है और एयरलाइंस को अतिरिक्त लागत उठानी पड़ रही है।
DGCA और सरकार की प्रतिक्रिया
DGCA ने स्पूफिंग की रिपोर्ट मिलने के बाद जांच शुरू की है और एयरलाइंस से विस्तृत जानकारी मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर गंभीर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा कर रहे हैं। विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं, जिसमें स्पूफिंग डिटेक्शन सिस्टम को अपग्रेड करना शामिल है।
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