‘भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है’ संविधान दिवस पर राष्ट्रपति का संबोधन
नई दिल्ली: संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, "आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के प्रमुख निर्माता में से थे। बाबा साहब के 125 वीं जयंती के वर्ष में यानी 26 नवंबर 2015 में प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। ये निर्णय अत्यंत सार्थक निर्णय लिया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दुनिया के विशालतम लोकतंत्र भारत, दुनिया में एक उदाहरण के तौर पर स्थापित है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे संसद के दिशानिर्देशों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को अवश्य सिद्ध किया जाएगा। इसी विश्वास के साथ, मैं सभी माननीय सदस्यों को संविधान दिवस की फिर से बधाई देती हूं और सभी देशवासियों के स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूं।
भारत एक है और हमेशा एक रहेगा- उप सीपी राधाकृष्णन
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा किहमारे संविधान का ड्राफ्ट, बहस और उसे भारत माता के हमारे महान नेताओं ने संविधान सभा में अपनाया। यह आज़ादी के लिए लड़ने वाले हमारे लाखों देशवासियों की मिली-जुली समझ, त्याग और सपनों को दिखाता है। महान विद्वानों, ड्राफ्टिंग कमिटी और संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहरी सोच दी। उनके बिना किसी स्वार्थ के योगदान ने भारत को आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया है। हमारा संविधान समझ और अनुभव, त्याग, उम्मीदों और आकांक्षाओं से बना है। हमारे संविधान की आत्मा ने साबित कर दिया है कि भारत एक है और हमेशा एक रहेगा।
ओम बिरला ने दी शुभकामनाएं
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा,"सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर आज भारत विधानसभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद, संविधान के शिल्पकार बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी और संविधान सभा के सभी मान्य सदस्यों को आदरपूर्वक नमन करता हूं। उनके अद्भुत ज्ञान, वेग, दूरदृष्टि और अथक परिश्रम से ऐसा महान संविधान मिला है जो हमें न्याय, समानता, हर नागरिक के सम्मान और गरिमा की गारंटी देता है। इस अवसर पर पधारे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम, राज्यसभा में सदन के नेता, संसदीय कार्य मंत्री, राज्यसभा में सदन के प्रतिपक्ष नेता , लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, सभी दल के नेता का यहां पर मैं स्वागत करता हूं।
राष्ट्रपति ने 9 भाषाओं में जारी किया संविधान
इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने 9 भाषाओं में संविधान को जारी किया गया। राष्ट्रपति ने संविधान को डिजिटल रूप से मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, असमिया और मलयालम जैसी 9 भाषाओं में जारी किया। उन्होंने कहा, आज का दिन पूरे देश संविधान निर्माताओं के प्रति आदर व्यक्त करते हैं।
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