विपक्षी दल के हंगामे के बीच पास हुआ VB-G RAM G बिल, लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी मिली मंजूरी
VB-G RAM G Bill approved by Lok Sabha and Rajya Sabha: संसद के शीतकालीन सत्र में ग्रामीण रोजगार योजना को नया रूप देने वाला विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025दोनों सदनों से पारित हो गया। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी देर रात इस विधेयक को मंजूरी दे दी, जबकि विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया। बिल पास होने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में रात भर धरना दिया और इसे ग्रामीण गरीबों के अधिकारों पर हमला करार दिया।
संसद में पास हुआ VB-G RAM G बिल
दरअसल, लोकसभा में 18दिसंबर को लंबी बहस के बाद बिल पास हुआ, जहां विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की और बिल की प्रतियां फाड़ीं। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए मनरेगा में भ्रष्टाचार और कमियों का जिक्र किया तथा इसे गांधीजी के आदर्शों से जोड़कर 'राम राज्य' की स्थापना का दावा किया। जिसके बाद राज्यसभा में शाम साढ़े छह बजे से शुरू हुई बहस रात 12:30बजे तक चली।
विपक्ष ने बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की, लेकिन इसे खारिज कर सदन के सदस्यों की मौखिक सहमति से इस बिल को पास कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया और सरकार पर जल्दबाजी का आरोप लगाया। सरकार का दावा है कि यह बिल 'विकसित भारत 2047' विजन के अनुरूप है और ग्रामीण क्षेत्रों में जल सुरक्षा, बुनियादी ढांचा तथा जलवायु अनुकूल विकास पर जोर देगा।
विपक्ष का विरोध और आरोप
विपक्षी दलों ने बिल को मनरेगा की 'आत्मा' पर हमला बताया। उनका कहना है कि महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है और राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालकर अधिकार-आधारित गारंटी को कमजोर किया जा रहा है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे गरीब विरोधी करार दिया और वापस लेने की अपील की। तो वहीं, बिल पास होने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर रात भर धरना दिया। उन्होंने सरकार पर मनरेगा को नष्ट करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
VB-G RAM G बिल की विशेषताएं
बता दें, यह विधेयक 2005 के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा। नए कानून में ग्रामीण परिवारों को हर साल 125 दिन की मजदूरी आधारित रोजगार की गारंटी दी गई है, जबकि मनरेगा में 100 दिनों की रोजगार की गारंटी दी जाती थी। मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक या कार्य पूरा होने के 15 दिनों के अंदर करना अनिवार्य होगा।
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