Bangladesh Violence: उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की सड़कों पर बवाल, कई शहरों में भड़की हिंसा; यूनुस ने बुलाई आपात बैठक
Bangladesh Violence Updates:बांग्लादेश में एक बार हिंसा का दौर शुरु हो गया है। दरअसल, देश की पूर्व PM शेख हसीना की सत्ता के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत हो गई। मौत की खबर फैलने के बाद देश की राजधानी ढाका सहित कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। हादी, जो इंकिलाब मंच के प्रवक्ता थे और आगामी राष्ट्रीय चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े थे, पिछले सप्ताह ढाका में एक हत्या के प्रयास में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने देश में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और भड़का दिया है, जहां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है।
कैसे हुई हिंसा की शुरुआत?
बता दें, उस्मान हादी की मौत की पुष्टि होने के कुछ घंटों बाद ही ढाका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने उन मीडिया हाउसों को निशाना बनाया, जिन्हें वे भारत और अवामी लीग से जुड़ा मानते हैं। शुक्रवार तड़के करीब 12बजे रात को, दैनिक प्रोथोम आलो और डेली स्टार के मुख्यालयों पर हमला किया गया, जहां इमारतों को तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। डेली स्टार के कार्यालय में फंसे लगभग 25पत्रकारों को चार घंटे से ज्यादा समय के बाद बचाया जा सका। प्रदर्शनकारी इन मीडिया संस्थानों पर आरोप लगा रहे थे कि वे शेख हसीना के पक्ष में खबरें चला रहे थे, जो अगस्त 2024में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत में निर्वासित हैं और हाल ही में मौत की सजा सुनाई गई है। लेकिन हिंसा केवल ढाका तक सीमित नहीं रही। प्रदर्शनकारी भारतीय उच्चायोग और वीजा केंद्रों की ओर बढ़े, जहां वे हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने की मांग कर रहे थे।
खुलना और राजशाही में भारतीय वीजा केंद्रों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया। चटगांव में अवामी लीग से जुड़े एक पूर्व मंत्री के आवास पर हमला हुआ। यानी देखा जाए तो कुल मिलाकर, हिंसा ढाका, खुलना, राजशाही और चटगांव जैसे चार प्रमुख शहरों में फैल गई, जहां सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं और नारेबाजी के साथ हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में शोक सभा आयोजित की और हादी की मौत को एक सुनियोजित साजिश करार दिया। मालूम हो कि इस हिंसा का मूल कारण हादी की हत्या को माना जा रहा है, जो 2024के छात्र आंदोलन के दौरान प्रमुख भूमिका निभाने वाले नेता थे। उनकी मौत ने युवाओं और विपक्षी समूहों में गुस्सा भड़का दिया, जो इसे अवामी लीग के समर्थकों या बाहरी ताकतों की साजिश बता रहे हैं।
मुहम्मद यूनुस की हाई-लेवल बैठक
दूसरी तरफ, हादी पर गोलीबारी के तुरंत बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक हाई-लेवल बैठक बुलाई थी। बैठक में हमले की निंदा की गई और राजनीतिक एकता की अपील की गई, ताकि 2024के आंदोलन की उपलब्धियों को सुरक्षित रखा जा सके। बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि इस तरह की घटनाएं देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली हैं और सभी दलों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए। यूनुस की सरकार पहले से ही चुनावों की तैयारी में है, लेकिन यह हिंसा चुनावी प्रक्रिया पर असर डाल सकती है।
इसके अलावा यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी की मौत की पुष्टि की और एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। उन्होंने कहा कि झंडे आधे झुके रहेंगे और विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाएंगी। यूनुस ने हमलावरों को पकड़ने का वादा किया और उनकी गिरफ्तारी के लिए 50 लाख टका (करीब 50 हजार डॉलर) के इनाम की घोषणा की। उन्होंने नागरिकों से धैर्य और संयम बनाए रखने की अपील की, साथ ही हमले को एक शक्तिशाली नेटवर्क की साजिश बताया।
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