भारती सिंह बनी दूसरे बच्चे की मां, बेटे गोला के जन्म के बाद कितने दिन का रखा गैप; दो बच्चों के बीच कितना अंतर सही?
Bharti Singh Second Baby: कॉमेडियन भारती सिंह दूसरे बच्चे की मां बनी हैं। भारती और उनके पति हर्ष लिंबाचिया ने अपने दूसरे बेटे का स्वागत किया। वेसे तो कपल चाहते थे की पहले बेटे के बाद उन्हें बेटी हो, लेकिन उनकी ये चाहत अधूरी रह गई। इन सबके बी खास बात ये भी रही कि भारती ने अपने पहले बेटे गोला के जन्म के करीब तीन साल बाद दूसरे बच्चे को जन्म दिया है। ऐसे में ये भी सवाल सामने आया कि क्या तीन साल का गैप दूसरी बार मां बनने के लिए सही माना जाता है?
कपल्स के मन में होता है कई सवाल
अक्सर कई कपल्स पहले बच्चे के बाद दूसरा बच्चा प्लान करने को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं। बढ़ता खर्च, मां की सेहत, करियर या फिर अपनी निजी पसंद इन सब वजहों से कई लोग एक ही बच्चे तक सीमित रहना चाहते हैं। लेकिन जब परिवार की तरफ से दबाव बढ़ता है या बच्चे को भाई-बहन देने की बात आती है, तो दूसरा बच्चा प्लान करने का फैसला बदल भी जाता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि दो बच्चों के बीच कितना गैप मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए सही होता है? क्या दो साल काफी है या फिर पांच साल का इंतजार बेहतर माना जाता है? आखिर दूसरे बच्चे के जन्म का सही या आइडियल गैप कितना होना चाहिए?
क्या 3 साल का गैप सही?
भारती लाफ्टर शेफ्स सीजन 3 के सेट पर शूटिंग के लिए जाने वाली थीं, लेकिन घर पर ही अचानक लेबर पेन शुरू हो गया। वॉटर ब्रेक होते ही उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने बेटे को जन्म दिया। भारती सिंह के पहले बेटे गोला का जन्म 3 अप्रैल 2022 में हुआ था। ऐसे में गोला और दूसरे बेटे के जन्म के बीच लगभग 3 साल का अंतर है। वहीं आज के दोर में कई कपल्स इसी गैप को प्रेफर करते हैं, क्योंकि इससे मां की सेहत और बच्चों की देखभाल दोनों बेहतर तरीके से हो पाती है।
मां के लिए बढ़ा सकती है मुश्किलें
अगर दो बच्चों के बीच 12 से 18 महीने का गैप हो, तो दोनों के बीच बॉन्डिंग काफी अच्छी बनती है। पहला बच्चा इतना छोटा होता है कि उसे जलन या इनसिक्योरिटी का एहसास नहीं होता और दोनों बच्चे एक-दूसरे के अच्छे प्लेमेट बन जाते हैं। हालांकि, इस तरह का कम गैप मां की सेहत पर भारी पड़ सकता है। लगातार नींद पूरी न होना, दो बच्चों की देखभाल, ब्रेस्टफीडिंग और ट्रेनिंग जैसी जिम्मेदारियां एक साथ निभाना आसान नहीं होता। रिसर्च बताती है कि 18 महीने से कम गैप होने पर प्रीमैच्योर डिलीवरी, बच्चे का वजन कम होना और गर्भ में बच्चे की ग्रोथ धीमी रहने जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
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