रूस गए भारतीयों को जंग में लड़ने के लिए किया गया मजबूर, ओवैसी ने विदेश मंत्री से लगाई मदद की गुहार
India-Ukraine: पिछले दो सालों से रूस और यूक्रेन का युद्ध जारी है। बीते साल खबर सामने आई थी कि रूस ने कई भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम करने के लिए रूस से बुलाया था लेकिन रूस ने कुछ ऐसा काम कर दिया कि भारत के कई लोगों में रूस के प्रति रोष भर गया।
दरअसल, एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस ने कई भारतीयों को वहां पहुंचते ही जंग के मैदान में उतरने को मजबूर कर दिया गया। अब वहीं इसको लेकर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उन तीन भारतीयों को बचाने का आग्रह किया, जिन्हें कथित तौर पर यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में लड़ने के लिए ‘मजबूर’ किया गया।
विदेश मंत्री को किया टैग
हैदराबाद के सांसद ने एक रिपोर्ट का हवाला दिया है और कहा है कि भारतीयों को कथित तौर पे एक एक एजेंट ने धोखा दिया था और उन्हें सेना सुरक्षा सहायक के रूप में काम करने के लिए वहां भेजा था। ये तीनों भारतीय उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं। एस. जयशंकर को टैग करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया कि, ‘कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे कार्यालयों का इस्तेमाल करें।
लड़ने के लिए किया गया मजबूर
उनकी जान खतरे में है और उनके परिवार वाजिब रूप से चिंतित हैं।’दरअसल, पीड़ितों का दावा है कि रूसी सेना की तरफ से हथियार और गोला-बारूद संभालने का प्रशिक्षण दिया गया था और रूस-यूक्रेन सीमा पर रोस्तोव-ऑन-डॉन में बंदूक की नोक पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया। ये पूरा मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित के परिवार के सदस्य, जो हैदराबाद से हैं उन्होंने ओवैसी से संपर्क किया। पिछले महीने, हैदराबाद के सांसद ने जयशंकर और मॉस्को में भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी।
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