अपाचे, रफाल और प्रचंड…पाक सीमा पर भारत वायुवीर बरसाएंगे आग, आसमान में बनेगा रियल वॉर जोन
Excercise Vayushakti 2024: दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका को देखते हुए भारतीय वायुसेना अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद करने में जुटी है। हम स्वदेशी प्लेटफार्मों और हथियारों के माध्यम से भविष्य के युद्ध लड़ने और जीतने के लिए भी कमर कस रहे हैं। इन तैयारियों का ट्रेलर पाकिस्तान को पोखरण एयर से लेकर राजस्थान के ग्राउंड फायरिंग रेंज तक दिखाया जाएगा। 17 फरवरी को वायु शक्ति 2024 का आयोजन किया गया है।
हालांकि, पाकिस्तान शनिवार से ही भारतीय वायुसेना की ताकत को सहमी नजरों से देख रहा होगा। क्योंकि प्रैक्टिस शुरू हो रही है। इस फायर पावर एक्सरसाइज के लिए NOTAM जारी कर दिया गया है और पाकिस्तान को भी इस NOTAM की जानकारी हो गई है। खास बात यह है कि इस बार पाकिस्तान की धड़कनें बढ़ना तय है क्योंकि इस युद्धाभ्यास में पहली बार आसमान से अपाचे, राफेल और भारी गोलाबारी होगी।
युद्धाभ्यास में 100 से अधिक विमान लेंगे हिस्सा
इस अभ्यास में जगुआर, सुखोई, मिराज 2000, राफेल, तेजस और मिग 29 समेत कुल 77 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा कुल 41 हेलीकॉप्टर शामिल होंगे जिनमें MI-17, चिनूक, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क 4 रुद्र, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं। 5 ट्रांसपोर्ट विमान जिसमें C-17 और C-130Jहिस्सा लेंगे, खास बात ये है कि प्राथमिकता स्वदेशी प्लेटफॉर्म और हथियारों पर है। इसमें 3 सतह से हवा में मार करने वाले हथियार प्लेटफॉर्म और 12 मानव रहित प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी होगी।
वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि यह अभ्यास वास्तविक युद्ध क्षेत्र बनाकर किया जा रहा है ताकि कम समय में समन्वय के साथ अभ्यास किया जा सके। मिसाइल फायर में हवा से जमीन पर मार करने वाली, नॉन-प्रीसेशन मिसाइल, हवा से हवा में गाइडेड और सतह से हवा में मार करने वाली गाइडेड मिसाइल दागी जाएंगी। हवा से हवा- राफेल से फ्रांसीसी मिसाइल मीका, तेजस से R-73 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी जाएगी।
इसके अलावा एयर डिफेंस "समर" हथियार हीट सीकिंग मिसाइल, आकाश मिसाइल दागी जाएंगी। इस फायर पावर में हिस्सा लेने वाले विमान जोधपुर, फलोदी, नाल, जैसलमेर, हिंडन और आगरा एयरबेस से उड़ान भरेंगे। वायु शक्ति का आयोजन तीन वर्ष में एक बार किया जाता है।यह अभ्यास भारतीय वायु सेना की परिचालन तैयारियों, प्रशिक्षण, फायरिंग, हथियार क्षमता और दक्षता का परीक्षण करने का एक शानदार तरीका है। सवा दो घंटे तक चलने वाली यह मारक क्षमता चीन और पाकिस्तान दोनों के होश उड़ाने के लिए काफी है जब 40 से 50 टन वजनी बम और रॉकेट महज एक से डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में लक्ष्य पर सटीक निशाना साधेंगे।
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