Haldwani Violence: ‘प्लानिंग के तहत हुआ हमला’, हल्द्वानी हिंसा पर डीएम का बड़ा खुलासा
Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के अंदर अवैध मजार और मस्जिद तोड़े जाने को लेकर प्रशासन और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए हैं। उपद्रवियों ने गाड़ियों में आग लगा दी है। आगजनी की घटना के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।इस हिंसा की वजह से शहर में स्थति तनावपूर्ण है। इसी सिलसिले में नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई बड़े खुलासे किए। नैनीताल डीएम ने कहा,'हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सभी को नोटिस और सुनवाई का समय दिया गया। कुछ लोग हाईकोर्ट गए, जबकि कुछ को समय मिला और कुछ को नहीं।'
वंदना सिंह ने बताया, 'जहां समय नहीं दिया गया, वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। ये इकलौती घटना नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को निशाना बनाने से काम नहीं किया गया।'उन्होंने कहा,'कुछ लोग इन्हें मदरसा और नमाज स्थल कहते हैं। कागजों में ये जगह मलिक के बगीचे के तौर पर नहीं, बल्कि नगर निगम की संपत्ति के तौर पर दर्ज है। लोग इसे मलिक के बगीचे के तौर पर जानते हैं।' नैनीताल डीएम ने बताया कि इन इमारतों पर नोटिस लगाया गया था और उन्हें तीन दिनों के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया था।
'तोड़फोड़ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था’
उन्होने बताया, 'तोड़फोड़ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था और रोकथाम के लिए फोर्स भी तैनात की गई थी। इसी दौरान हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया।' नैनीताल डीएम ने कहा, 'आपने भी देखा कि किस तरह से 30 जनवरी के वीडियो में छतों पर कोई पत्थर नहीं है। जिस दौरान हाईकोर्ट में सुनवाई चल ही थी, उसी दौरान छतों पर पत्थर इकट्ठे किए गए। इस तरह ये प्लान किया गया था कि जिस दिन कार्रवाई होगी उस दिन हमला किया जाएगा।'
‘हमारी टीम ने बलप्रयोग नहीं किया’
नैनीताल डीएम ने आगे कहा, 'पत्थरों के हमले के बाद भी जब हमारी टीम पीछे नहीं हटी तो तुरंत पत्थरों के साथ आने वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। फिर दूसरी भीड़ आई, जिसके पास पेट्रोल बम थे। ये अकारण किया गया हमला था, हमारी टीम ने कोई बलप्रयोग नहीं किया था।'
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