Explainer: सानिया अपने बच्चे को दिलाएंगी भारतीय नागरिकता! जानें पाकिस्तानी पिता से जन्मे बच्चे के लिए क्या हैं नियम?
Explainer: टेनिस स्टार सानिया मिर्जा इन दिनों अपने पति पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मैनलिक से तलाक को लेकर सुर्खियों में हैं। अब 14 साल बाद ये शादी आधिकारिक तौर पर टूट गई है. बता दें कि,साल 2010 में जब ये शादी हो रही थी तो उस वक्त भी सानिया को फैंस के गुस्से का सामना करना पड़ा था. फिलहाल वह लंबे समय से शोएब से दूर अपने बेटे इजहान मिर्जा मलिक के साथ दुबई में रह रही हैं।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इजहान को लेकर काफी चर्चा हो रही है कि क्या सानिया तलाक के बाद अपने बेटे के साथ भारत लौटेंगी या उसे भारतीय नागरिकता दिलवाएंगी। आइए जानते हैं दोनों देशों की नागरिकता को लेकर क्या नियम हैं.
क्या है इज़हान मिर्ज़ा मलिक की नागरिकता स्थिति?
इजहान फिलहाल गोल्डन वीजा पर अपनी मां के साथ दुबई में रह रहे हैं। यूएई का यह वीजा किसी को लंबे समय तक वहां रहने की आजादी देता है। इसके अलावा और भी कई फायदे हैं, जो सानिया को मिलेंगे। पाकिस्तानी नागरिक से शादी करने के बाद भी टेनिस स्टार ने अपनी भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है। यहां तक कि उनके बच्चे का जन्म भी भारतीय अस्पताल में हुआ था. इस तरह देखा जाए तो सानिया चाहें तो इजहान खुद भी भारत के नागरिक कहला सकते हैं।
पाकिस्तान ने नागरिकता देने से किया इनकार
इजहान के जन्म के बाद पाकिस्तान की खुफिया सेवा- संघीय जांच एजेंसी ने कहा था कि अगर बच्चा भारतीय नागरिकता लेता है तो उसे पाकिस्तान का नागरिक नहीं माना जाएगा. यहां आपको बता दें कि पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता रखने को कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त है। कई लोगों के पास दो पासपोर्ट होते हैं, जैसे एक पाकिस्तान का और दूसरा किसी बड़े देश का। लेकिन पाकिस्तान का ये समझौता भारत के साथ नहीं है. मतलब अगर कोई भारतीय नागरिक पाकिस्तानी पासपोर्ट भी रखना चाहे तो ये संभव नहीं है.
भारत के संविधान में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है
अगर कोई भारतीय किसी दूसरे देश का पासपोर्ट बनवाना चाहता है तो इसके लिए उसे अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी होगी। यानी अगर इजहान को इस देश का नागरिक माना जाता है तो वह किसी दूसरे देश की नागरिकता नहीं ले सकता. अपने जन्म के बाद शोएब ने कहा था कि उनका बेटा न तो भारत का नागरिक होगा और न ही पाकिस्तान का. तो शायद इससे उनका मतलब यूएई से था.
संभव है कि इज़हान को गोल्डन पासपोर्ट के अलावा वहां की स्थायी नागरिकता भी दे दी जाए. फिलहाल यह साफ नहीं है कि बच्चे को कहां की नागरिकता दी जाएगी या उसके माता-पिता क्या सोच रहे हैं. यह भी संभव है कि उनके पास किसी दूसरे देश की नागरिकता हो.
भारत में नागरिकता किसे मिलती है
26 जनवरी 1950 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म से भारतीय नागरिक है। एक और नियम भी है. इसके तहत 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक है, अगर उस समय उसके माता-पिता में से किसी एक के पास भारतीय पासपोर्ट हो। यदि जन्म के समय माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो तो देश में जन्म न होने पर भी नागरिकता प्राप्त की जा सकती है। लेकिन माता-पिता को बच्चे के जन्म के एक साल के भीतर भारतीय दूतावास में इसके लिए पंजीकरण कराना होगा।
नागरिकता भी छीनी जा सकती है अगर...
- अगर कोई दूसरे देश का पासपोर्ट लेना चाहता है तो उसकी भारतीय नागरिकता भी जा सकती है।
- यदि यह साबित हो जाए कि व्यक्ति ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है और नागरिकता प्राप्त की है।
- देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने या आतंकवाद फैलाने पर भी नागरिकता रद्द की जा सकती है.
- संविधान या मौलिक अधिकारों से छेड़छाड़ करने वाला कोई भी कृत्य नागरिकता को ख़तरे में डाल सकता है.
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