हिंदू समुदाय पर हमलों के बीच बांग्लादेश पहुंचे विदेश सचिव विक्रम मिस्री, क्या रुकेगा उत्पीड़न?

Vikram Misri Arrives in Dhaka: भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज ढाका पहुंचे हैं। इस यात्रा के दौरान, वह बांग्लादेश के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच चल रही वार्ताओं पर चर्चा करेंगे। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं। भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है।
भारत की चिंता
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि विक्रम मिस्री इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे। भारत बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। खासकर शेख हसीना की सरकार के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं। हालांकि, बांग्लादेश ने भारत की चिंताओं को खारिज कर दिया है और इसे अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप माना है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले
अगस्त में शेख हसीना के भारत दौरे के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हिंसा तेज हो गई। सत्ता में बदलाव के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमलों में वृद्धि देखी गई। इन हमलों में घरों को जलाना, हत्याएं करना और मंदिरों को नुकसान पहुंचाना शामिल था। इसके अलावा, इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्णा संघ) को भी कट्टरपंथी समूहों ने निशाने पर लिया और इसे आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की।
इस बीच, हिंदू समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाले इस्कॉन सदस्य चिन्मय कृष्णा दास को बांग्लादेश पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बिना जमानत के जेल भेज दिया गया, जिससे उनके समर्थकों में विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक वकील की मौत हो गई। बांग्लादेश सरकार पर आरोप है कि उसने चिन्मय दास को उचित कानूनी सहायता नहीं दी।
बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
विक्रम मिस्री का ढाका दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अहम है। भारत की चिंता यह है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है, जबकि बांग्लादेश इस पर भारत की आलोचना को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। इस यात्रा के दौरान, भारत अपने समकक्ष से ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रहा है।
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