दिवालिया होने के कगार पर पाकिस्तान, 2024 में चुकाना है 40000 करोड़ से भी ज्यादा रक्कम
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में चुनाव को एक हफ्ते से भी ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है लेकिन अब सरकार बनानेजुटे पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर है। दरअसल, जीडीपी की तुलना में पाकिस्तान का कर्जतेजी से बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था की उत्पादन बढ़ाने की क्षमता बाधित है।इस्लामाबाद थिंक टैंक टैबएडलैब ने एक रिपोर्ट में बताया,'कहा, "यह परिवर्तनकारी बदलाव की जरूरत बताता है। पाकिस्तान तब तकडूबता रहेगा जब तक यथास्थिति में व्यापक सुधार और नाटकीय बदलाव नहीं होंगे। एक अपरिहार्य डिफ़ॉल्ट की ओर बढ़ेगा और यह चक्रव्यूह की शुरुआत होगी'
टैबएडलैब ने कहा ये बात
टैबएडलैब ने कहा कि पाकिस्तान का कर्ज़ "एक विकट, अस्तित्वगत और प्रासंगिक" चुनौती है, जिसके लिए तत्काल और रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। कर्ज़ की अदायगी ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, जो बढ़ती आबादी की सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और महत्वपूर्ण रूप से जलवायु परिवर्तन जैसी ज़रूरतों को प्राथमिकता से वंचित करता है।विदेशी ऋणसाल 2011 को बाद से दोगुना हो गया है, वहीं घरेलू ऋण छह गुना बढ़ गया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में पाकिस्तान को अनुमानित 49.5 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण परिपक्वता अवधि में चुकाना होगा।
कर्ज में डूब रहा है पाकिस्तान
उपभोग-केंद्रित, आयात-आदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उत्पादक क्षेत्रों या उद्योग में निवेश के बिना ऋण संचय का भारी उपयोग किया गया है।रिपोर्ट मेंबताया गया है कि, पाकिस्तान देश कि ऋण प्रोफ़ाइल बेहद चिंताजनक है। उधार और खर्च लेने की पाकिस्तान की आदतें अस्थिर हैं। बढ़तीआबादी और मांगों के लिएसामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाओं, अनुकूलन रणनीतियों और हरित संक्रमण के लिए अधिक धन की जरूरत है पाकिस्तान की जलवायु और कर्ज की कमजोरी एक-दूसरे को बढ़ाती है, लेकिन एक ही समय में अस्तित्व संबंधी दोनों संकटों में तालमेल बिठाने और उन्हें कम करने का अवसर है।
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