Delhi Blast LIVE: दिल्ली ब्लास्ट का नया CCTV फुटेज आया सामने, गाड़ियों की भीड़ में Hyundai i20 बनी आग का गोला
Delhi Blast Live Update:दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए कार ब्लास्ट की जांच में एक के बाद एक बड़ेे खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस की पूछताछ से सामने आया है कि संदिग्ध डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने स्वीकार किया है कि मॉड्यूल ने आने वाले गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर बड़ा हमला करने की योजना बनाई थी, जिसकी रेकी भी पूरी कर ली गई थी। यह खुलासा 'डॉक्टर मॉड्यूल' के नाम से मशहूर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े नेटवर्क की गहराई को उजागर करता है, जो कश्मीर से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात तक फैला हुआ है। बता दें, दिल्ली ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से अब सुरक्षा एजेंसियां पूरे देश में अलर्ट पर हैं।
फरीदाबाद से पकड़ा गया कार डीलर
दिल्ली ब्लास्ट में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के फरीदाबाद से उस कार डीलर को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि इसी कार डीलर ने ने डॉक्टर उमर और तारिक को Hyundai i20 बेची थी।
NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा
NIA के सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील से मंगलवार को हुई पूछताछ में एक डराने वाला खुलासा हुआ। मुजम्मिल ने बताया कि मॉड्यूल के मुख्य संदिग्ध डॉक्टर उमर नबी (जिसकी ब्लास्ट में मौत की आशंका है) ने लाल किले की विस्तृत रेकी की थी। योजना के मुताबिक, 26 जनवरी 2026 को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान लाल किले परिसर में भारी मात्रा में विस्फोटकों से लदी वाहन भेजकर हमला किया जाना था। यह हमला 'फिदायीन' स्टाइल में होना था, जिसमें कई आत्मघाती हमलावर शामिल होने वाले थे।
मुजम्मिल ने यह भी बताया कि मॉड्यूल का दिवाली पर भी दिल्ली में एक ही एक बड़े हमले की प्लानिंग थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में हुई गिरफ्तारियों के कारण योजना में हड़बड़ी हुई। सोमवार का ब्लास्ट इसी जल्दबाजी का नतीजा था, जब उमर ने अधूरी IED को कार में ही सक्रिय कर लिया। फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले उमर और मुजम्मिल ने व्हाइट कॉलर कवर के तहत विस्फोटक जमा किए थे। इसके अलावा मुजम्मिल के किराए के घर से 2,900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, टाइमर और डेटोनेटर बरामद हुए, जो बड़े हमलों के लिए पर्याप्त थे।
कश्मीर से गुजरात तक डॉक्टर मॉड्यूल का नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि यह मॉड्यूल 'व्हाइट कॉलर टेरर' का उदाहरण है, जहां पढ़े-लिखे पेशेवर ज्यादातर डॉक्टर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इन गतिविधियों में डॉ. आदिल शाहीन जो अनंतनाग मेडिकल कॉलेज से जुड़ा था। इसके अलावा डॉ. उमर नबी जो फलाह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर था। डॉ. मुजम्मिल शकील जो उमर का साथी, फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा। उसके लॉकर से AK-47 बरामद ही हुई। डॉ. शाहीन शाहिद, जिसे लखनऊ में छापेमारी के दौरान पकड़ा गया। तो वहीं, गुजरात ATS ने डॉ. सैयद अहमद को पकड़ा, जिसके पास 'राइसिन' जहर बनाने का सामान मिला।
यह नेटवर्क अंसार गजवत-उल-हिंद और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। रेकी दिल्ली के आजादपुर मंडी, अहमदाबाद के नरोडा फ्रूट मार्केट और लखनऊ RSS ऑफिस पर भी हुई थी। NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया है। दिल्ली पुलिस ने 13 संदिग्धों को हिरासत में लिया, जबकि फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में 52 से ज्यादा लोगों, छात्रों, फैकल्टी और प्रिंसिपल से पूछताछ की। जम्मू-कश्मीर पुलिस पुलवामा और शोपियां में छापेमारी कर रही है, जहां उमर के परिवार से सवाल किए जा रहे हैं। यूपी ATS ने लखनऊ में डॉ. शाहीन के घर पर दबिश दी। गुजरात ATS की गिरफ्तारियों से 'राइसिन' जहर का एंगल सामने आया, जो जैविक हमले का संकेत देता है।
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