क्या आप भी PCOD की बीमारी से है परेशान? इस आयुर्वेदिक इलाज को फॉलो कर होगी स्पीडी रिकवरी
PCOD Disease: पुरुषों की तुलना में महिलाएं कहीं न कहीं अधिक व्यस्त होती हैं। क्योंकि उन्हें घर से लेकर ऑफिस तक, हर जगह के कामों के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। ऐसे में महिलाएं अपनी सेहत का ध्यान रखना भूल जाती है। यही कारण है उन्हें हमेशा किसी न किसी प्रकार की छोटी-बड़ी परेशानीयां होती रहती हैं। पीसीओएस भी उन्हीं में से एक है। PCOD महिलाओं में होने वाली एक ऐसाी समस्या है जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम से सम्बंधित है।
जिन महिलाओं को PCOD की समस्या होती है, उनके चेहरे पर बाल, कील-मुहांसे, आदि का होना आम बात है। यह समस्या जेनेटिक बीमारियों या हॉर्मोनल बदलाव के कारण होती है। इसके अलावा PCOD से ग्रसित महिलाओं को बच्चा न होने की समस्या भी हो सकती है। शोध से इस बात की पुष्टि हुई है कि लगभग हर पांच में से एक महिला PCOD से पीड़ित होती है। लेकिन क्या आप जानते है कि PCOD क्यों होती हैं. इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं और क्या आयुर्वेद में इसका इलाज है?
PCOD के लिए आयुर्वेदिक इलाज
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और आयुर्वेदा एक्सपर्ट के अनुसार, आधुनिक समय में PCOD का उपचार कई तरीकों से किया जा रहा है। लेकिन उनमें से सर्वश्रेष्ठ है PCOD का आयुर्वेदिक इलाज। क्योंकि PCOD एक हॉर्मोनल बदलाव से जुड़ी समस्या है जो महिलाओं के ओवरीज यानी अंडाशय को प्रभावित करती है। जिससे उनके पीरियड्स इर्रेगुलर होते हैं और भविष्य में मां बनना मुश्किल हो सकता है।
कैसे करें PCOD का आयुर्वेदिक इलाज?
आयुर्वेदिक इलाज में पीसीओडी के लिए पहले मरीज को वमन यानी उल्टी द्वारा शुद्धि कराई जाती है। उसके बाद बस्ती यानी औषधीय एनिमा द्वारा शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। इससे यूटरस और अन्य अंग में मौजूद कफ और टॉक्सीसिटी बाहर हो जाती है।
आयुर्वेदा एक्सपर्ट की मानें तो आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से पीसीओडी का उपचार करने में करीब 1महीना लगता है। पंचकर्म थेरेपी की पूरी प्रक्रिया के दौरान मरीज को कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां भी दी जाती हैं। इसके साथ ही मरीज की डाइट और लाइफस्टाइल में भी जरूरत के अनुसार बदलाव किया जाता है।
PCOD में फायदेमंद होता है शतावरी
पीसीओएस में शतावरी काफी फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, बी 1, बी 2, सी, ई, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, खनिज और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही कारण है कि शतावरी एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली (Reproductive System) की रक्षा करने के साथ डायबिटीज विरोधी गुणों के कारण होने वाले इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बेहतर और नियमित बनाने में मदद करता है। बता दें, शतावरी एक ऐसा आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो PCOD का प्रभावशाली तरीके से इलाज करने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी बेहतर बनाने में मदद करता है।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
PCOD के मरीजों का वजन बहुत तेजी से बढ़ता है। इसलिए इसे कंट्रोल करने के लिए मरीज को पौष्टिक खानपान के सेवन की सलाह दी जाती है। यह वजन कम करने के साथ वात और कफ दोषों को संतुलित करता है। इसके लिए आप अपने आहार में दालचीनी, हल्दी, ताजे फल सब्जी और साबूत अनाज आदि को शामिल कर सकते हैं। PCOD वाली महिलाओं को कैफीन, जंक, प्रोसेस्ड और मीठे फूड्स आदि से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा उन्हें भरपूर नींद लेनी चाहिए और एक्सरसाइज करनी चाहिए।
PCOD के लक्षण
इससे पीड़ित होने पर महिलाएं अनियमित मासिक धर्म, बाल झड़ने, सिर में दर्द, चेहरे पर मुहांसे, पेट में दर्द और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं को अनुभव कर सकती हैं।
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