पुलिस कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान को मिली जमानत, दिल्ली पुलिस ने किया विरोध
नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान कोदिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी। बताया जा रहा है कि शाहरुख के पिता का स्वास्थ्य काफी खराब है। जिसको देखते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। कोर्ट ने शाहरुख को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक जमानतदार की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया।
शाहरुख पठान ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उनके पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और 1 मार्च 2025 को उन्हें आरके नरेंद्र प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में कोई अन्य पुरुष सदस्य नहीं है जो उनके पिता की देखभाल कर सके। कोर्ट ने इस मानवीय आधार को स्वीकार करते हुए अंतरिम जमानत मंजूर की। शाहरुख के वकील अब्दुल्ला अख्तर ने यह भी तर्क दिया कि उनका मुवक्किल 3 मार्च 2020 से हिरासत में है और पहले भी पैरोल के दौरान उसने सभी शर्तों का पालन किया था।
कोर्ट की शर्तों के साथ दी जमानत
अदालत ने जमानत के साथ सख्त शर्तें भी लगाईं है। शाहरुख को अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारियों को देना होगा और फोन हमेशा चालू रखना होगा।उसे हर दूसरे दिन सुबह 10 से 11 बजे के बीच जाफराबाद थाने में हाजिरी देनी होगी।वह किसी गवाह या सह-आरोपी से संपर्क नहीं करेगा और जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा।जमानत की अवधि उसकी रिहाई की तारीख से शुरू होगी।
दिल्ली पुलिस ने किया जमानत का विरोध
दिल्ली पुलिस ने इस अंतरिम जमानत का कड़ा विरोध किया था। पुलिस ने दलील दी कि शाहरुख एक गंभीर अपराध में शामिल है और उसका जेल में आचरण भी ठीक नहीं रहा है। पुलिस के अनुसार, जेल में उसके पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था और उसने अन्य कैदियों के साथ मारपीट भी की थी। पुलिस को आशंका थी कि जमानत मिलने पर वह शर्तों का उल्लंघन कर सकता है और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस की आपत्तियों को खारिज करते हुए मानवीय आधार पर राहत दी।
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