दिल्ली ने रचा इतिहास, 50 साल बाद आया नया ड्रेनेज मास्टर प्लान; अगले 30 साल तक शहर को बाढ़ मुक्त रखने की तैयारी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आज नया ड्रेनेज मास्टर प्लान पेश किया, जो राष्ट्रीय राजधानी में बार-बार होने वाली शहरी बाढ़ और जलजमाव की समस्याओं को अगले 30 वर्षों तक हल करने के लिए एक ऐतिहासिक ब्लूप्रिंट है। इसका शुभारंभ NDMC कन्वेंशन सेंटर में सेवा पखवाड़ा उत्सव (17 सितंबर – 2 अक्टूबर) के तहत किया गया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर आवास एवं शहरी कार्य और पावर मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और माननीय PWD एवं I&FC मंत्री प्रवेश साहिब सिंह उपस्थित थे, जिन्होंने नजफगढ, बालापुला और ट्रांस यमुना बेसिन के लिए तैयार तीन अलग-अलग मास्टर योजनाओं का संयुक्त रूप से अनावरण किया। यह योजना अगले तीन दशकों के लिए दिल्ली के ड्रेनेज ढांचे को भविष्य-सक्षम बनाने का लक्ष्य रखती है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा, “जल संबंधी मुद्दे हमारे शहर की भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें पीने का पानी, वर्षा जल निकासी और सीवेज सिस्टम शामिल हैं। दिल्ली का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि हम इन महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए कटिबद्ध हैं। वर्षों की परिश्रमपूर्वक परामर्श, डेटा संग्रह और अध्ययन के बाद तैयार की गई यह व्यापक योजना दिल्ली की ड्रेनेज आवश्यकताओं के लिए रोडमैप प्रदान करेगी, जिससे जलजमाव से राहत मिलेगी और शहर को ड्रेनेज संबंधी चुनौतियों से सुरक्षित रखा जाएगा।
इस योजना के तहत शहरी बाढ़ से निपटना, सतही जल भंडारण में सुधार, जल बहाव कम करना और मुख्य स्टॉर्मवॉटर चैनलों को अपग्रेड करना शामिल है, जिससे दिल्लीवासियों का जीवन स्तर सुधरेगा। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की अपनी प्रारंभिक समीक्षा साझा करते हुए बरापुल्ला नाला, कुशक ड्रेन, मिंटो ब्रिज और ITO ब्रिज के अपने व्यक्तिगत निरीक्षण का उदहारण दिया। उन्होंने गर्व से कहा कि इस साल पहली बार मिंटो ब्रिज और ITO जैसी जगहों पर गंभीर जलजमाव नहीं देखा गया, जो पहले एक आम समस्या थी।
मुख्यमंत्री ने एक प्रमुख पहल की घोषणा करते हुए कहा कि 30 सितंबर को सेवा पखवाड़ा उत्सव के हिस्से के रूप में 4,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें यमुना पुनर्जीवन योजना भी शामिल है। यह योजना चरणबद्ध और संरचित तरीके से लागू की जाएगी। दिल्ली सरकार के आवश्यक प्रयासों को रेखांकित करते हुए, माननीय PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा, जैसे ही हमारी सरकार बनी, हमने तुरंत दिल्ली में जलजमाव की समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाए। हमने शहर के मुख्य जलजमाव बिंदुओं का दौरा किया और ठोस कदम उठाए। हमारे विभागों ने 20 लाख मीट्रिक टन की गाद निकालकर सी&डी प्लांटों में भेजी।
उन्होंने आगे कहा, मुझे गर्व है कि पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक बारिश होने के बावजूद, दिल्ली में कोई गंभीर बाढ़ नहीं आई। हमारा एकीकृत ड्रेनेज मास्टर प्लान यह सुनिश्चित करने का रोडमैप है कि दिल्ली बाढ़ मुक्त रहे और हमारे नागरिक बिना जलजमाव की चिंता किए जीवन जी सकें। यह ड्रेनेज मास्टर प्लान केवल कागज पर योजना नहीं है। यह गारंटी है कि दिल्ली आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत और बाढ़ मुक्त रहेगी और जल्द ही, हम दिल्ली के लिए सीवर मास्टर प्लान और जल मास्टर प्लान भी लाएंगे, ताकि इस ड्रेनेज ढांचे को पूरा किया जा सके और शहर का जल प्रबंधन पूरी तरह से भविष्य-सक्षम बनाया जा सके।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली की पिछली व्यापक ड्रेनेज योजना 1976 में तैयार की गई थी, जब शहर की आबादी केवल 60 लाख थी। आज, जब आबादी लगभग 2.5 करोड़ के करीब है और शहरीकरण तेज़ है, यह नई योजना अत्यंत आवश्यक हो गई है।
PWD ने आठ नागरिक एजेंसियों के परामर्श से इस योजना को तैयार किया, जिसमें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, MCD, DDA, NHAI, DJB और NDMC शामिल हैं। नया ड्रेनेज मास्टर प्लान पूरे 18,958 किमी के ड्रेनेज नेटवर्क को कवर करता है। इसमें जलजमाव के कारणों, वर्षा पैटर्न और बाधाओं की पहचान करने के लिए विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन और क्रियान्वयन योग्य सिफारिशें शामिल हैं।
विशेष रूप से, व्यापक स्थलाकृति और क्षेत्र सर्वेक्षण किए गए हैं, जिसमें पाइपलाइन, ड्रेन, इनवर्ट लेवल और सड़क स्तर को मैप किया गया है ताकि वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की वृद्धि दोनों को ध्यान में रखते हुए सटीक इंजीनियरिंग समाधान तैयार किए जा सकें।
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