ब्लैक बॉक्स खोलेगा विमान हादसे का रहस्य, जानिए कब और कैसे होगा डिकोड
Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा देश के सबसे भयावह विमानन हादसों में से एक माना जा रहा है। इस हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171), जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। टेकऑफ के मात्र पांच मिनट बाद मेघानी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो चुकी है। और केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार जीवित बचा है। इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। और अब सभी की निगाहें विमान के ब्लैक बॉक्स पर टिकी हैं। जो इस हादसे के कारणों को उजागर कर सकता है।
ब्लैक बॉक्स क्या है और क्यों है महत्वपूर्ण?
ब्लैक बॉक्स जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के रूप में जाना जाता है। विमान का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसका रंग चमकीला नारंगी होता है। ताकि हादसे के बाद इसे आसानी से ढूंढा जा सके। FDR विमान की तकनीकी जानकारी जैसे गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, और दिशा को रिकॉर्ड करता है, जबकि CVR कॉकपिट में पायलटों की बातचीत, रेडियो संदेश, और अन्य ध्वनियों को कैप्चर करता है। यह उपकरण 11,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी और 20,000 फीट की गहराई के पानी के दबाव को सहन कर सकता है।
डिकोडिंग की प्रक्रिया कब और कैसे?
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने हादसे के कुछ घंटों बाद विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। अब इसे विश्लेषण के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को सौंपा गया है। विशेषज्ञों द्वारा लैब में विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से डेटा और रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में आमतौर पर 10-15 दिन लगते हैं।
ब्लैक बॉक्स से प्राप्त डेटा हादसे से पहले के अंतिम पलों को पुनर्जनन करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए यह पता लगाया जा सकता है कि क्या हादसे का कारण तकनीकी खराबी, पायलट की त्रुटि, पक्षी टक्कर, या मौसम की स्थिति थी। हादसे से पहले पायलट सुमित सभरवाल ने ‘मे-डे’ कॉल भेजी थी। जो किसी गंभीर तकनीकी खराबी की ओर इशारा करती है।
अमेरिका के NTSB का सहयोग
हादसे की जांच में भारत को अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) का सहयोग मिलेगा। बचाव कार्यों में बीएसएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू हो चुकी है। टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
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