शेख हसीना पर फैसले से पहले बांग्लादेश में उबाल, आगजनी और हिंसक प्रदर्शन से सुलगा पूरा देश
Bangladesh News:बांग्लादेश में आज अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (आईसीटी) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में फैसला सुनाया जाना है। लेकिन इस फैसले से पहले देश में तनाव चरम पर पहुंच गया है। पिछले कुछ दिनों में ढाका सहित कई इलाकों में क्रूड बम धमाके, आगजनी और हिंसक झड़पों की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद अंतरिम सरकार ने पूरे देश में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हिंसा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश दिए गए हैं।
फैसले से पहले बढ़ा तनाव
आज सुबह आईसीटी हसीना और उनके दो पूर्व सहयोगियों पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामुन के खिलाफ फैसला सुनाएगा। यह मामला पिछले साल जुलाई-अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान हुए दमन से जुड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में करीब 1,400 लोग मारे गए थे। अभियोजन पक्ष ने हसीना को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए फांसी की सजा की मांग की है। हसीना भारत में निर्वासन में हैं और अनुपस्थिति में मुकदमा चल रहा है।
फैसले की तारीख तय होने के बाद से बांग्लादेश में अशांति बढ़ गई है। पिछले हफ्ते से ढाका एयरपोर्ट के पास, ग्रामीण बैंक मुख्यालय, सरकारी सलाहकार के घर के बाहर और करवान बाजार जैसे इलाकों में क्रूड बम फटे हैं। बसों में आगजनी, वाहनों को निशाना बनाने और सड़क अवरोध की घटनाएं दर्ज की गई हैं। रविवार रात को भी कई धमाके हुए, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने अवामी लीग के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिन पर तोड़फोड़ और बमबाजी के आरोप हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
हसीना की अवामी लीग (जो अब प्रतिबंधित है) ने 16 और 17 नवंबर को देशव्यापी कंप्लीट शटडाउन का ऐलान किया था, जिसके चलते सामान्य जीवन प्रभावित रहा। पार्टी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है। दूसरी ओर, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के समर्थक इसे न्याय की प्रक्रिया मानते हैं। उन्होंने गोपालगंज (हसीना का पैतृक जिला), फरीदपुर, मदारिपुर सहित संवेदनशील इलाकों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) तैनात की है। ढाका में पुलिस को "हिंसा करने वालों पर नजर आने पर गोली चलाने" के आदेश दिए गए हैं। सेना और पैरामिलिट्री फोर्स भी अलर्ट पर हैं। फैसला लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा, जिससे तनाव और बढ़ने की आशंका है।
भारत में रह रहीं शेख हसीना ने ट्रिब्यूनल को "कंगारू कोर्ट" बताया है और आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उनके बेटे सजीब वजेद ने चेतावनी दी है कि अगर अवामी लीग पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो फरवरी 2026 के चुनाव में बाधा डाली जाएगी। अंतरिम सरकार ने हसीना की प्रत्यर्पण मांग की है, लेकिन भारत ने अभी कोई जवाब नहीं दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि फैसला चाहे जो हो, बांग्लादेश की राजनीति में गहरा विभाजन पैदा करेगा। एक तरफ पिछले साल के आंदोलन के पीड़ित न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ हसीना के समर्थक इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं। आने वाले घंटे बांग्लादेश के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होंगे। ताजा अपडेट के लिए आधिकारिक सूत्रों पर नजर रखें।
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