उत्तराखंड में बादल फटने से हाहाकार, अबतक 15 लोगों की मौत और दर्जनों लापता, बारिश-बाढ़ का खतरा बरकरार

Uttarakhand Coudburst:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 15 सितंबर की रात को हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र में भयानक तबाही मचा दी है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में तमसा नदी के उफान पर आने से कई घर, दुकानें और सड़कें ध्वस्त हो गईं। इसके अलावा मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला भी आपदा से प्रभावित हुए हैं। जबकि टपकेश्वर महादेव मंदिर भी जलमग्न हो गया। अब तक इस आपदा में राज्य भर में 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 अन्य लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों (17 से 21 सितंबर तक) तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
देहरादून में बादल फटने से तबाही
देहरादून के सहस्त्रधारा, मालदेवता, प्रेमनगर और मसूरी जैसे इलाकों में रात भर हुई मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। तमसा और चंद्रभागा नदियां उफान पर आ गईं, जिससे कई पुल बह गए, सड़कें कट गईं और वाहन बहा ले गए। मालदेवता में 100 मीटर लंबी सड़क धंस गई, जबकि देहरादून-मसूरी मार्ग पर मालदेवता ब्रिज और देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली के पास पुल ध्वस्त हो गया। सहस्त्रधारा में आईटी पार्क और टपोवन इलाके जलमग्न हो गए, जहां कई होटल और दुकानें मलबे में दब गईं। इसके अलावा टपकेश्वर मंदिर के गर्भगृह तक पानी घुस गया, हालांकि शिवलिंग को नुकसान नहीं पहुंचा।
इस घटना में देहरादून में ही 13 लोगों की जान गई, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में दो और मौतें दर्ज की गईं। लापता लोगों में से कई नदी के तेज बहाव में बह गए, जिनकी तलाश जारी है। वहीं, स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात की अचानक बाढ़ ने कई परिवारों को बेघर कर दिया, और बिजली-पानी जैसी सुविधाएं ठप हो गईं।
राहत-बचाव कार्यों में तेजी
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। अब तक 900 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया है, जिनमें मसूरी के हेरिटेज होटल से 6 लोग, लिटिल हेवन होटल से 10-15 पर्यटक और पौंधा के देवभूमि इंस्टीट्यूट से 200 छात्र शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां वे जेसीबी पर सवार होकर मलबा हटाने और राहत कार्यों का जायजा लेते नजर आए।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। NDRF ने कडेवर डॉग्स की टीम भी तैनात की है ताकि लापता लोगों का पता लगाया जा सके। हालांकि, लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।
पांच दिनों तक खतरा बरकरार - IMD
दूसरी तरफ, IMD ने देहरादून, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार सहित कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले पांच दिनों में 15-25 मिमी प्रतिदिन की बारिश और आंधी-तूफान की संभावना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के किनारे रहने वालों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। स्कूलों को बंद रखा गया है, और यात्रियों को संवेदनशील इलाकों से दूर रहने को कहा गया है।
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