'जी राम जी' बिल को राष्ट्रपति मुर्मू ने दीं हरी झंडी, बन गया कानून; जानें इसकी खास बातें
President Signs On G RAM G Bill: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जी राम जी बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद जी राम जी बिल अब कानून बन गया है। बता दें कि सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर जी राम जी कर दिया है। इसके साथ ही इस बिल में कई सुधार भी किए गए हैं। अब जी राम जी योजना के तहत कामगारों को 125 दिन के काम की गारंटी मिलेगी। जबकि मनरेगा में सिर्फ 100 दिन रोजगार का वादा था।
इससे पहले ये बिल संसद के दोनों सदनों से पास ,हो चुका था। सरकाक जी राम जी कानून को अगले साल तक अप्रैल 2026 में लागू करने की तैयारी कर रही है। यह कानून 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम की जगह लेगा।
सरकार ने क्या कहा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार जी राम जी बिल को विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है। सरकार का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आय सुरक्षा को बढ़ाना और टिकाऊ करना है। ताकी समावेशी और संतुलित विकास को बढ़ावा मिल सके। नए कानून के मुताबिक, मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक या अधिकतम 15 दिनों के अंदर करना अनिवार्य किया गया है। तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं करने पर मुआवजा देने का प्रावधान शामिल है।
विपक्ष ने किया विरोध
बीते गुरुवार को संसद में जी राम जी बिल का विरोध किया था। हालांकि, विपक्ष के विरोध के बावजूद बिल को पास करा लिया गया था। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या की, जबकी मोदी सरकार ने उन्हें जिंदा रखा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला गया था। इससे क्या जवाहर लाल नेहरू जी का सम्मान कम हुआ? सरकार का कहना है कि यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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