'CM का चेहरा बने बिना राजनीति में नहीं लौटेंगे सिद्धू', पंजाब में सत्ता की लड़ाई पर बोली नवजोत कौर
Navjot Kaur Statement On Sidhu Political Comeback:पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब पूर्व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने पार्टी हाईकमान को साफ-साफ शब्दों में बता दिया कि अगर सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाता है, तो वे सक्रिय राजनीति में वापसी करेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। नवजोत कौर का यह बयान 06 दिसंबर को चंडीगढ़ में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के बाद कही, जहां उन्होंने पंजाब की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का बयान
दरअसल, नवजोत कौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सिद्धू राजनीति से दूर हैं, लेकिन अगर कांग्रेस उन्हें सीएम उम्मीदवार के रूप में पेश करती है, तो वे वापस लौटने को तैयार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिद्धू के पास किसी पार्टी को 500 करोड़ रुपये' देने की क्षमता नहीं है, लेकिन वे पंजाब को 'सोने की चिड़िया' बना सकते हैं। नवजोत कौर ने पंजाब कांग्रेस में जारी गुटबाजी की ओर भी इशारा किया, जहां कम से कम पांच नेता मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सिद्धू जैसे अनुभवी नेता की वापसी से पार्टी को मजबूती मिल सकती है।
बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। उन्होंने उस समय चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाए जाने पर असहमति जताई थी और बाद में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सिद्धू सोशल मीडिया और क्रिकेट कमेंट्री में सक्रिय रहे हैं। ऐसे में उनकी पत्नी नवजोत कौर का यह बयान सिद्धू की संभावित वापसी की अटकलों को हवा दे रहा है, खासकर जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पंजाब में चुनौतियों का सामना कर रही है।
पंजाब कांग्रेस की मौजूदा स्थिति
पंजाब कांग्रेस वर्तमान में गहन आंतरिक संघर्ष से गुजर रही है। पार्टी के प्रमुख नेता जैसे प्रताप सिंह बाजवा, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और अन्य मुख्यमंत्री पद को दौड़ में हैं। नवजोत कौर ने इन गुटों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सिद्धू को सीएम चेहरा बनाती है, तो वे न सिर्फ वापस लौटेंगे, बल्कि पार्टी को एकजुट करने में भी मदद करेंगे। यह बयान कांग्रेस हाईकमान के लिए एक चुनौती की तरह है, क्योंकि पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब में करारी हार मिली थी, और अब 2027 के लिए रणनीति बनानी है।
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