भारत में NB.1.8.1 और LF.7 कोविड वैरिएंट्स के मिले 2 नए केस, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
Covid New Variants NB.1.8.1 And LF.7: दुनिया में एक बार फिर कोरोना के मामले लगातार बढते जा रहे हैं। देश में अब तक एक्टिव मरीज 363रिकॉर्ड किए गए हैं। वहीं, दो दिन में 2लोगों की मौत हुई है। इसी बीच, भारत में कोविड-19के दो नए वैरिएंट्स, NB.1.8.1और LF.7की पहचान के बाद से हड़कंप मच गया है। एक रिपोर्ट की मानें तो अप्रैल 2025में तमिलनाडु में NB.1.8.1का एक मामला और मई 2025में गुजरात में LF.7के चार मामले सामने आए हैं।
ये दोनों वैरिएंट्स ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1के वंशज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वैरिएंट्स को 'Variants of Concern' या 'Variants of Interest' की श्रेणी में रखने की बजाए 'Variants Under Monitoring' की श्रेणी में रखा है। लेकिन सवाल यह है कि ये वैरिएंट्स कितने खतरनाक हैं? इनके लक्षण क्या हैं और इनसे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
कितने खतरनाक हैं NB.1.8.1और LF.7वैरिएंट्स?
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, NB.1.8.1और LF.7, दोनों JN.1वैरिएंट के उप-वैरिएंट्स हैं, जो ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा हैं। WHO की मानें तो NB.1.8.1वैश्विक स्तर पर कम जोखिम वाला है। हालांकि, इसके स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन्स इसे अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम बनाते हैं। LF.7के बारे में भी यही बात लागू होती है। लेकिन इसके बारे में अभी कम डेटा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये वैरिएंट्स गंभीर बीमारी या मृत्यु दर में वृद्धि का कारण नहीं बन रहे हैं। अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के हैं, जो सामान्य सर्दी-जुकाम या हल्के फ्लू जैसे हैं। फिर भी, बुजुर्गों और पहले से मौजूद बीमारियों जैसे कैंसर, डायबिटीज, या हृदय रोग) वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
NB.1.8.1और LF.7वैरिएंट्स के लक्षण
अब अगर 1.8.1और LF.7वैरिएंट्स के लक्षण की बात करें तो यह अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स के समान हैं। NB.1.8.1वैरिएंट्स के लक्षणों में गले में खराश, नाक बहना, हल्की खांसी, हल्का बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, और हल्का सिरदर्द हो सकता है। वहीं, LF.7वैरिएंट्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शारीरिक दर्द, थकान, और कभी-कभी मतली या उल्टी हो सकती है।
सावधानियां बरतनी है जरूरी
1. भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे - अस्पताल, सार्वजनिक परिवहन, या बंद जगहों में मास्क जरूर पहनें।
2. नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं
3. बुखार, खांसी, गले में खराश, या थकान जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं।
4. बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें।
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