ISRO ने किया CHANDRAYAAN-3 का सफल लॉन्च, जानें इस मिशन में आया कितना खर्चा
CHANDRAYAAN-3:भारत के तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान -3 ने आज उड़ान भरी, इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया गया। 615 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट के साथ, चंद्रयान -3 को अपने पिछले चंद्रयानों की तुलना में सबसे अधिक लागत प्रभावी अंतरिक्ष मिशनों में से एक कहा जा रहा है।
असफल चंद्रयान -2 मिशन के फॉलो अप के रूप में, 2019 में पहली बारचंद्रयान -3 की घोषणा की गई थी और 2021 में लॉन्च होने की उम्मीद थी। हालाँकि, COVID-19 महामारी के कारण देरी हुई जिसके चलते आज 14 जुलाई को लॉन्च हुआ है। 2020 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन ने पत्रकारों से बात रते हुए कहा था कि चंद्रयान -3 की लागत लगभग 615 करोड़ रुपये थी। उसमें से लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत 250 करोड़ रुपये और लॉन्च सेवाओं की लागत लगभग 365 करोड़ रुपये थी।
सिवन द्वारा उपलब्ध कराया गया आंकड़ा महामारी की चपेट में आने से पहले और पूरे मिशन में सालों की देरी से पहले दिया गया था। इस को ध्यान में रखते हुए कि चंद्रयान-3 को 2021 शुरू में लॉन्च किया जाना था और अब यह 2023 में लॉन्च हुआ है। इस बात की अच्छी संभावना है कि मिशन का बजट बढ़ गया है।
दिसंबर 2019 में, यह बताया गया कि ISROने परियोजना की प्रारंभिक फंडिंग के लिए 75 करोड़ रुपये का अनुरोध किया था, जिसमें से 60 करोड़ रुपये मशीनरी, उपकरण और अन्य पूंजीगत व्यय की पूर्ति के लिए होंगे। शेष 15 करोड़ रुपये राजस्व व्यय मद में मांगे गये थे।तुलनात्मक रूप से, चंद्रयान -2 मिशन पर भारत की लागत 978 करोड़ रुपये थी, जिसमें ऑर्बिटर, लैंडर, रोवर, नेविगेशन और ग्राउंड सपोर्ट नेटवर्क के लिए 603 करोड़ रुपये और जियो-स्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के लिए 375 करोड़ रुपये शामिल थे।
चंद्रयान-3 के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है, जो चंद्रयान-2 की लैंडिंग में विफल रहा था। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular
Leave a Reply