मॉस्को–पहलगाम हमलों पर मोदी–पुतिन एकजुट, आतंकवाद पर दिया सख्त संदेश; बोले - दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे
Modi-Putin On Global Terrorism:भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी को मजबूत करने वाली 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न केवल आर्थिक और रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त संदेश भी दिया। दिल्ली में आयोजित इस शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले और मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई छिपी एजेंडा या दोहरा मापदंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बयान न केवल दोनों देशों की एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को एक नई दिशा देने का प्रयास भी है।
आतंकवाद पर दोनों नेताओं के बयान
शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में मोदी और पुतिन ने आतंकवाद को अपराधपूर्ण और अमानवीय करार दिया। उन्होंने कहा 'चाहे पहलगाम हो या क्रोकस सिटी हॉल, हर प्रकार के आतंकवाद का कड़ा विरोध किया जाएगा।' दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद, उग्रवादी नेटवर्क तथा आतंकी वित्तपोषण पर सहयोग बढ़ाने का वादा किया। खास तौर पर, उन्होंने दोहरे मापदंडों पर चोट की, जो अप्रत्यक्ष रूप से कुछ पश्चिमी देशों की नीतियों की ओर इशारा करता है। इसके अलावा दोनों देशों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर सहयोग मजबूत करने का फैसला लिया, जिसमें सूचना साझा करना और संयुक्त अभ्यास शामिल हैं।
मोदी-पुतिन की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रूस यूक्रेन संकट से जूझ रहा है और भारत क्षेत्रीय तनावों से घिरा हुआ है। दोनों नेताओं की व्यक्तिगत निकटता जिसकी झलक मोदी द्वारा पुतिन को भगवद्गीता भेंट करने से मिली दोनों देशों को वैश्विक मंच पर मजबूत बनाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान न केवल भारत-रूस संबंधों को नई गति देगा, बल्कि आतंकवाद विरोधी वैश्विक प्रयासों में एक मिसाल कायम करेगा। जैसे कि पुतिन ने कहा 'हम कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे।'
पहलगाम हमला
मालूम हो कि 22 अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर दिया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है। हमले के पीछे कथित तौर पर कश्मीर क्षेत्र की एक कम ज्ञात समूह 'द लिबरेटर्स' का हाथ था, जिसने दावा किया कि यह 'आजादी की लड़ाई' का हिस्सा है। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया, जिसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन ने क्षेत्रीय सुरक्षा को नई चुनौतियां दीं और दक्षिण एशिया की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए।
मॉस्को हमला
दूसरी ओर, मॉस्को का क्रोकस सिटी हॉल हमला, जो मार्च 2024 में हुआ था, रूस के लिए एक गहरा आघात था। इस हमले में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस हमले की सारी जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली। यह घटना रूस को आतंकवाद के वैश्विक खतरे की याद दिलाती रही। मोदी और पुतिन ने दोनों हमलों को जोड़ते हुए कहा कि ये घटनाएं दर्शाती हैं कि आतंकवाद की जड़ें सीमाओं को लांघ जाती हैं। रूसी राष्ट्रपति ने मई 2025 में ही प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर पहलगाम हमले पर समर्थन जताया था, जो दोनों देशों की मजबूत साझेदारी का प्रमाण था।
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