देश छोड़कर भारत भाग आया शरीफ उस्मान हादी का कातिल? आरोपी को लेकर बांग्लादेश पुलिस ने तोड़ी चुप्पी
Sharif Osman Hadi Murder Case: बांग्लादेश में जुलाई 2024के छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता और इंकिलाब मंच के प्रवक्ता 32वर्षीय शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे देस में उथल-पुथल जारी है। हादी पर 12दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18दिसंबर को उनकी मौत हो गई। जिसके बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें भारत-विरोधी नारे लगे और कई जगहों पर आगजनी हुई। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मुख्य आरोपी देश छोड़कर भाग गया? बांग्लादेश पुलिस की ताजा जानकारी के अनुसार, इस पर अभी कोई पुष्टि नहीं है।
CCTV फुटेज से हुई मुख्य आरोपी की पहचान
दरअसल, 12दिसंबर को ढाका के पुराना पल्टन इलाके में हादी बैटरी रिक्शा में सवार थे, जब दो हेलमेट पहने हमलावरों ने उन पर करीबी दूरी से गोली चलाई। यह घटना CCTV में कैद हो गई। फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि मोटरसाइकिल का पीछे बैठे व्यक्ति ने गोली मारी और दोनों फरार हो गए। जांच-पड़ताल करने पर मुख्य आरोपी की पहचान फैसल करीम मासूद के रूप में हुई, जिसने गोली चलाई थी। जबकि उसका साथी आलमगीर शेख मोटरसाइकिल चला रहा था। जांच में पता चला कि हमले से पहले ये दोनों हादी के चुनाव प्रचार में भी नजर आए थे।
क्या आरोपी भारत भाग आया?
हादी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों और कुछ राजनीतिक समूहों ने दावा किया कि आरोपी भारत भाग गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि वे अवैध रूप से सीमा पार कर भारत पहुंचे और यह आरोप लगाया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से जुड़े लोग इसमें शामिल हैं। हालांकि, बांग्लादेश पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपियों फैसल और आलमगीर के ठिकाने या देश छोड़ने की कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डिटेक्टिव ब्रांच प्रमुख ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें, क्योंकि अपराधी अक्सर गलत दिशा में भटकाने के लिए ऐसी बातें फैलाते हैं। पुलिस ने हथियार, मोटरसाइकिल बरामद कर ली है और 14से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन मुख्य शूटर अभी फरार हैं। कोई राजनीतिक दल से सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है।
उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा
उस्मान हादी की मौत की खबर फैलते ही 18-19 दिसंबर की रात ढाका सहित कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउसों पर हमले किए, अखबारों के दफ्तरों में आग लगाई और सांस्कृतिक संस्थानों को निशाना बनाया। इस बीच, मैमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग का मामला भी तूल पकड़ा। 18 दिसंबर की रात कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने 27 वर्षीय दीपू को पीट-पीटकर मार डाला। इतना ही नहीं, शव को पेड़ से लटकाया और आग लगा दी। इस मामले में अभी तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तो वहीं, अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को सजा मिलेगी।
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