400 रुपये की दिहाड़ी और 1 करोड़ का खेल...दुबई तक पहुंचा घोटाला, संभल में ऑनलाइन गेमिंग रैकेट का भंडाफोड़
Online Gaming Racket In Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़े ऑनलाइन गेमिंग घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया। दरअसल, इस घोटाले में एक ऐसा मजदूर सामने आया है, जिसकी दैनिक मजदूरी मात्र 400रुपये थी। लेकिन उसके बैंक खाते से 1करोड़ 70लाख रुपये की धनराशि का लेनदेन हुआ। वहीं, पुलिस जांच में एक संगठित आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश हुआ, जो 'जंबो 365' नामक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी का धंधा चला रहा था। इस रैकेट का पैसा हवाला के माध्यम से दुबई भेजा जा रहा था।
इस मामले में पुलिस ने नेपाल, पंजाब, हरियाणा और यूपी के रहने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके अनुसार, यह गैंग हर साल 8करोड़ रुपये तक का मुनाफा कमा रहा था। इतना ही नहीं, देशभर में इस वेबसाइट की लगभग 500से ज्यादा फ्रेंचाइजी का नेटवर्क था।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
दरअसल, 12अगस्त को संभल के साइबर थाने में दीनदयाल नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की कि उनके पंजाब नेशनल बैंक (चंदौसी शाखा) के खाते में बिना उनकी जानकारी के 1करोड़ 70लाख रुपये का लेनदेन हुआ। इस शिकायत के आधार पर संभल पुलिस की साइबर सेल और सर्विलांस टीम ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में पता चला कि यह रकम 'जंबो 365' नामक वेबसाइट से जुड़ी थी, जो ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल हो रही थी।
इस वेबसाइट के जरिए देशभर में फैले 500से अधिक फ्रेंचाइजी नेटवर्क के माध्यम से हर साल 7से 8करोड़ रुपये की कमाई की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों ऋषिपाल यादव, अमित वार्ष्णेय, इंगित कोहली, पुष्कर सरकी, और पवन कुमार को गिरफ्तार किया। इनके पास से 3लैपटॉप, 21मोबाइल फोन और 183विभिन्न चेकबुक बरामद किए गए। जिनमें ऑनलाइन गेमिंग की पूरी जानकारी दर्ज थी। साथ ही, संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि इस गैंग के मास्टरमाइंड जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
हवाला के जरिए दुबई भेजा जाता था पैसा
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि दीनदयाल एक मजदूर है, जिसकी कमाई सिर्फ 300-400 ही रुपये है। लेकिन यह खुलासा तब हुआ जब उसे कर्नाटक की एक अदालत से 91,206 रुपये के बकाया का नोटिस मिला। इसके बाद उसने बैंक में जाकर पता किया, जहां उसके खाते को फ्रीज कर दिया गया था। पुलिस ने बताया कि इस गैंग को नियमित रूप से नए बैंक खातों की जरूरत पड़ती थी। इसीलिए गैंग कम आय वाले लोगों जैसे दिहाड़ी मजदूरों के खातों का दुरुपयोग करता था। इन खातों के जरिए करोड़ों रुपये की रकम को हवाला नेटवर्क के माध्यम से दुबई ट्रांसफर किया जाता था। यह रकम अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग से कमाई गई थी, जिसे विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
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