Shattila Ekadashi 2025: आज मनाया जा रहा है षट्तिला एकादशी, जानें इसका महत्व
Shattila Ekadashi 2025: षट्तिला एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन का विशेष महत्व है, और यह व्रत पुण्य फलदायक माना जाता है। इस व्रत में "तिल" का उपयोग प्रमुख रूप से होता है, इसलिए इसे "षट्तिला" एकादशी कहा जाता है। "षट्तिला" का अर्थ है तिल के छह प्रकारों से उपयोग।
तिल का महत्व:
षट्तिला एकादशी पर तिल का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, क्योंकि तिल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। तिल का धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टियों से महत्व है।
तिल के उपयोग के छह तरीके:
- तिल स्नान:इस दिन स्नान के पानी में तिल डालकर स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
- तिल दान:गरीबों और जरूरतमंदों को तिल दान करना अत्यधिक पुण्यदायी माना गया है।
- तिल जल का उपयोग:पूजा और तर्पण में तिल मिश्रित जल का उपयोग किया जाता है।
- तिल आहार:तिल से बने पकवान जैसे लड्डू, खीर या तिल मिश्रित भोजन करना शुभ माना जाता है।
- तिल होम:हवन में तिल की आहुति देना पवित्र माना जाता है।
- तिल तर्पण:पितरों को तिल के जल से तर्पण करना विशेष फल देता है।
धार्मिक महत्व:
इस दिन व्रत करने और तिल का उपयोग करने से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है, बल्कि यह पापों का नाश कर मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है। भगवान विष्णु की पूजा और तिल का उपयोग करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
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