खालिदा जिया के निधन पर बेटे तारिक रहमान का भावुक संदेश, कहा- लोकतांत्रिक आत्मा थीं मेरी मां
Khaleda Zia Son Statement: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने अपनी मां, पूर्व पीएम और BNP की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने खालिदा जिया को बांग्लादेश के लोकतांत्रिक सफर की एक मजबूत स्तंभ बताते हुए उन्हें एक स्नेही, साहसी और समर्पित मां के रूप में याद किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया एक भावुक संदेश में तारिक रहमान ने लिखा कि उनकी मां कि अल्लाह के बुलावे पर इस दुनिया से विदा हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं थीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए लोकतंत्र की मां और बांग्लादेश की मार्गदर्शक शक्ति थीं। उनके अनुसार, देश आज एक ऐसे नेता को खो चुका है जिसने लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दी।
कभी नहीं टूटा मां का हौसला- तारिक
तारिक रहमान ने लिखा कि आम लोगों के लिए खालिदा जिया एक अडिग नेता थीं, जिन्होंने तानाशाही और अत्याचार के खिलाफ कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने ये भी कहा कि मेरी मां ने अपने पूरे जीवन में स्वतंत्रता, संप्रभुता और लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि खालिदा जिया ने बार-बार गिरफ्तारी, इलाज से वंचित किए जाने और लंबे उत्पीड़न जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन उनका हौसला कभी नहीं टूटा।
संबल देता था मां का प्यार- BNP नेता
अपने निजी रिश्ते को याद करते हुए तारिक रहमान ने कहा कि राजनीति से अलग, खालिदा जिया उनके लिए एक बेहद कोमल और प्यार करने वाली मां थीं। उन्होंने लिखा कि घर में वह परिवार की सबसे बड़ी ताकत थीं, जिनका प्यार मुश्किल से मुश्किल समय में भी संबल देता था। उनका साहस शांत था, लेकिन अटूट था। तारिक रहमान ने कहा कि देश के लिए खालिदा जिया ने अपने पति और अपने एक बेटे को खो दिया। इन निजी दुखों के बाद पूरा बांग्लादेश ही उनका परिवार बन गया। उन्होंने कहा कि उनकी मां की विरासत देशभक्ति, बलिदान और प्रतिरोध की मिसाल के रूप में हमेशा जिंदा रहेगी।
बेटे तारिक ने की जनता से अपील
अपने संदेश के अंत में तारिक रहमान ने लोगों से अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए दुआ करने की अपील की और देश-विदेश से मिल रहे प्यार और सम्मान के लिए सभी का आभार जताया। बता दें कि बेगम खालिदा जिया का मंगलवार, 30 दिसंबर सुबह ढाका के एवर केयर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं और लंबे समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। BNP के अनुसार, उनका निधन सुबह करीब 6 बजे फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ।
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