धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर पंजाब सरकार सख्त, कैबिनेट ने दी उम्रकैद कानून को मंजूरी

Punjab Cabinet: पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक और सख्त कदम उठाया है। 14जुलाई को राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट ने 'पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025' (Punjab Prevention of Offences Against Holy Scriptures Bill, 2025) को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में किसी भी धर्म या धार्मिक ग्रंथ से संबंधित बेअदबी का आरोपी पाए जाने पर न्यूनतम 10साल की जेल का प्रस्ताव है, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है।
विधेयक में शामिल प्रावधान
पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025' में कई सख्त प्रावधान शामिल हैं। जैसे - धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वालों को कम से कम 10साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है। यदि बेअदबी के कारण साम्प्रदायिक हिंसा, मृत्यु या संपत्ति को नुकसान होता है, तो सजा 20साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है। साथ ही 10से 20लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इसके अलावा अधिकतम सजा पाने वाले दोषियों को पैरॉल का लाभ नहीं मिलेगा। यदि नाबालिग या अक्षम व्यक्ति बेअदबी में शामिल पाया जाता है, तो उनके माता-पिता या अभिभावक भी कानून के दायरे में आएंगे। बेअदबी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने का प्रस्ताव है। बता दें, बेअदबी की परिभाषा में ग्रंथों को जलाना, फाड़ना, अपवित्र करना, रंग बदलना, तोड़ना, नुकसान पहुंचाना या अपमानजनक व्यवहार करना शामिल है।
CM भगवंत मान ने क्या कहा?
इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धार्मिक स्थलों के लिए प्रावधान हैं, लेकिन पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। इसलिए, राज्य सरकार ने इस विषय पर विशेष कानून बनाने का फैसला किया, जो समवर्ती सूची के तहत राज्य का अधिकार है।
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