ग्राहक हो जाएं सावधान! नए साल पर नहीं पहुंचेगा खाना? गिग वर्कर्स की हड़ताल, डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर पड़ेगा सीधा असर
Gig Workers Strike: 31 दिसंबर 2025 यानी नए साल की पूर्व संध्या पर भारत की फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेवाएं बड़े संकट में फंस सकती हैं। स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, जेप्टो, अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स से जुड़े लाखों गिग वर्कर्स ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल क्रिसमस (25 दिसंबर) के बाद की दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसमें वर्कर्स बेहतर वेतन, सुरक्षा और सम्मान की मांग कर रहे हैं।
हड़ताल के दौरान क्या-क्या होगा?
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) के नेतृत्व में यह हड़ताल आज तीन चरणों में हो रही है। जानकारी के अनुसार, यह हड़ताल दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक, शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक, रात 8 बजे से मिडनाइट तक होगी। इस दौरान वर्कर्स ऐप से लॉगआउट करेंगे या फोन स्विच ऑफ रखेंगे।
जिस वजह से फूड ऑर्डर, ग्रॉसरी (क्विक कॉमर्स) और ई-कॉमर्स डिलीवरी में भारी देरी या पूरी तरह बंदी की संभावना है। इससे नए साल की पार्टी और लास्ट-मिनट शॉपिंग प्रभावित हो सकती है। बता दें, यह दिन प्लेटफॉर्म्स के लिए साल का सबसे व्यस्त और हाई-रेवेन्यू दिन होता है। दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। 25 दिसंबर क्रिसमस के दिन भी इसी तरह की हड़ताल से कई शहरों में 50-60% तक डिलीवरी प्रभावित हुई थी।
गिग वर्कर्स क्यों कर रहे हड़ताल?
दरअसल, डिलीवरी वर्कर्स का आरोप है कि प्लेटफॉर्म कंपनियां उनकी कमाई घटा रही हैं, जिससे काम की स्थिति असुरक्षित हो गई है और कोई सामाजिक सुरक्षा भी नहीं दी जा रही। ऐसे में कर्मचारियों की मांगें हैं कि उन्हें उचित और पारदर्शी वेतन दिया जाए। न्यूनतम ₹20 प्रति किमी, ₹40,000 मासिक गारंटी के साथ वास्तविक काम के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाए। साथ ही, 10-मिनट डिलीवरी मॉडल को भी तुरंत खत्म किया जाए। क्योंकि यह असुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देता है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ता है। सुरक्षित काम का माहौल और एक्सीडेंट कवर, स्वास्थ्य बीमा की सुविधा भी दी जाए।
इसके अलावा सुरक्षा उपकरण जैसे - हेलमेट, रिफ्लेक्टिव जैकेट, बिना वजह अकाउंट/ID ब्लॉकिंग, पेनल्टी और ग्राहक/रेटिंग के दबाव से मुक्ति, 8 घंटे काम का दिन, ओवरटाइम पे, ब्रेक देना जरूरी जैसी कई मांगों के लिए हड़ताल की जाएगी। इस मामले में यूनियन लीडर शेख सलाउद्दीन ने कहा कि कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन वर्कर्स की जिंदगी और कमाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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