Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन करें इस मंत्र का जाप, जानें इस दिन का महत्व
Mauni Amavasya 2025: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मौन रहकर स्नान और दान किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि अगर पूर्ण रूप से इस दिन मौन रहा जाए तो अद्भुत स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।इस दिन अगर पूरे धर्म कर्म से पूजा पाठ किया जाए तो ग्रहों की शांति और दोषों का निवारण दोनों ही हो सकता है। इस दिन सुबह और शाम के स्नान के पहले संकल्प लेना चाहिए। पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करना चाहिए। फिर स्नान करना शुरू करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान सूर्य को काला तिल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। साफ कपड़े पहने और फिर मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप के बाद वस्तुओं का दान करना चाहिए। अगर आप चाहे तो आज के दिन जल और फल लेकर उपवास रख सकते हैं।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
स्नान दान के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो शुभ मुहूर्त 29 जनवरी को सुबह 08.02 बजे से सुबह 11.15 बजे तक है। वहीं श्राद्ध कर्म का समय 29 जनवरी को सुबह 11.00 बजे दोपहर 03.21 बजे तक है। वहीं अगर आप राहु-केतु की शांति के लिए उपाय ढूंढ रहे हैं तो आज के दिन शिवजी के मंदिर जाएं। शिवजी को एक रुद्राक्ष की माला को अर्पित करें। धूप जलाकर शिवजी के मंत्र का उसी माला से 108 बार जाप करें।
क्या है महत्व
हमारे ग्रंथों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव जी की पूजा करने से भी विशेष फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से हर पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन सभी देवी-देवता नदी में निवास करते हैं। यही वजह है कि आज के दिन स्नान करना काफी शुभ माना जाता है।
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