लश्कर-ए-तैयबा और ISIS-K बने दोस्त, भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा; तस्वीरों ने खोले राज

Balochistan Alliance: पाकिस्तानी सेना और आईएसआई लंबे समय से आतंकी गुटों को हथियार बनाकर खेल खेलने में लगी हुई है। अब बलूचिस्तान में एक नया खतरा सामने आया है, लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत का गठबंधन। आईएसआई की मदद से ये दोनों आतंकी संगठन मिलकर बलूच विद्रोहियों और अफगान तालिबान के कुछ गुटों पर हमला करने में लगे हुए हैं।
कश्मीर में हमले का जिक्र
आईएसके की मैगजीन यलगार में भारत के कश्मीर में हमले के प्लान का भी जिक्र किया गया है। हाल ही में आईएसके के समन्वयक मीर शफीक मेंगल की एक फोटो सामने आई, जिसमें वे लश्कर के वरिष्ठ कमांडर राणा मोहम्मद अशफाक को पिस्तौल दे रहे हैं। ये फोटो पाकिस्तान की आतंक प्रायोजित गतिविधियों का खुलासा करती है।
आईएसआई का क्या है प्लान
हाल ही में सामने आई फोटो में आईएसके के बलूचिस्तान समन्वयक मीर शफीक मेंगल लश्कर के नजीम-ए-आला राणा मोहम्मद अशफाक को पिस्तौल तौफे में दे रहे हैं। ये तस्वीर आईएसआई की सीधी संरक्षण वाली साजिश को दिखाती है। राणा अशफाक लश्कर को पाकिस्तान भर में फैला रहा है। नए मर्कज खोल रहा है और दूसरे आतंकी गुटों से संपर्क बढ़ा रहा है।
मार्च 2025 का हमला
मार्च 2025 में बलूच लड़ाकों ने मस्तुंग कैंप पर बड़ा हमला किया जिसमें 30 आतंकी मारे गए। आईएसआई ने जवाब में लश्कर को बुलाया। जून 2025 में राणा अशफाक बलूचिस्तान पहुंचे। लश्कर के डिप्टी सैफुल्लाह कसूरी ने बैठक बुलाई, जिसमें बलूच अलगाववादियों के खिलाफ जिहाद की कसम खाई।
भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा
ये गठबंधन अफगानिस्तान, बलूचिस्तान और कश्मीर के लिए एक बड़ा खतरा है। पाकिस्तान आईएसके को दाएश कहकर दुनिया को बेवकूफ बनाता है, लेकिन खुद इस्तेमाल कर रहा है। आईएसआई की ये साजिश प्लाजिबल डिनायबिलिटी के तहत चल रही है। इसके लिए पहले से ही भारत और अफगानिस्तान को सतर्क रहना होगा।
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