चूरू में हुए प्लेन क्रेश में शहीद हुए पायलट लोकेंद्र सिंधु का राजकीय सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार, एक माह के बेटे और भाई ने दी मुखाग्नि

Haryana News: राजस्थान के चूरू में भारतीय वायु सेना सुरतगढ़ स्टेशन का एक फाइटर जगुआर प्लेन क्रेश हो गया था। जिसमें दोनों पायलट और को पायलट को क्रेश के दौरान आग लगने से मौत हो गई थी। इस फाइटर प्लेन का ट्रेनर और पायलट लोकेंद्र सिंह सिंधु प्लेन क्रेश में शहीद हो गया था, जो रोहतक शहर की देव कालोनी का रहने वाला है। आज भारतीय वायु सेना पूरे लक्सर के साथ अपने इस शहीद के पार्थिक शरीर को लेकर उनके घर पहुंची। उसके बाद रोहतक शहर के शीला बाईपास के नजदीक रामबाग श्मशान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ एयर फोर्स कर्मियों द्वारा सलामी के अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु को मुखाग्नि उसके एक माह के बेटे अभियुदित और छोटे भाई ज्ञानेंद्र ने दी। शहीद के पार्थिक शरीर पर लिपटे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे को उसकी पत्नी सुरभि एयर फॉर्स के अधिकारियों ने सौंपा। शहीद के अंतिम यात्रा में भारत माता की जय शहीद लोकेंद्र अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा। हैरानी की बात यह रही कि जो बीजेपी कांग्रेस शहीदों को लेकर राजनीति करते है उनका एक भी मंत्री सांसद और विधायक शहीद को अंतिम विदाई यात्रा और श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।
शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु का गांव खेड़ी साध भूपेंद्र सिंह हुडा पूर्व सीएम के हल्के में आता है रोहतक शहर हल्के में उनका घर आता है। कांग्रेस के चार विधायक बने हुए है रोहतक लोकसभा सीट से भूपेंद्र सिंह हुडा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुडा सांसद है। झज्जर के बेरी विधायक भी रोहतक में रहते है। एक भी कांग्रेस का विधायक शहीद को नमन नहीं करने आया। बीजेपी के भी मंत्री और सांसद भी नहीं पहुंचे यहां तक कि बीजेपी के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर भी श्रंद्धाजलि देने नहीं पहुंचे।
अंतिम विदाई में सभी मौजूद लोगों की आंखें नम थी
उधर एयर फोर्स से रिटायर्ड सैनिकों ने इस बारे में और चालीस पैंतालिस साल पुराने फाइटर जगुआर जैसे प्लेन अब तक एयर फोर्स में रखना और बार-बार प्लेन क्रेश होना इस पर सरकार से नाराजगी जताई। साथ में कोई भी विधायक और सांसद और मंत्री का नहीं आने पर इसको लेकर भी कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि देश किसी पार्टी का नहीं होता है वह देश का होता है विधायकों और सांसद को आना चाहिए था। शहीद लोकेंद्र की अंतिम विदाई में सभी मौजूद लोगों की आंखें नम थी।
Leave a Reply