wrestler protest: सजा देना कोर्ट का काम है कमेटी का नहीं- योगेश्वर दत्त
रोहतक: हरियाणा के कुश्ती खिलाड़ियों के यौन शौषण के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने रोहतक अपना बयान दिया है। ओलंपिक मेडल विजेता योगेश्वर दत्त खेल मंत्रालय द्वारा बनाई गई। छ:सदस्यीय कमेटी के सदस्य भी है। योगेश्वर दत्त ने कहा कि अब उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
योगेश्वर दत्त ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि पहलवानों को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देना चाहिए थी।पुलिस घर बैठे मामला दर्ज नहीं करती उसके शिकायत देनी पड़ती। इन खिलाड़ियों ने कनॉट प्लेस थाने में शिकायत भी दे दी थी।जो जांच कमेटी बनाई थी उस कमेटी का काम रिपोर्ट देना है। किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती। किसी को सजा देना कोर्ट का अधिकार है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा द्वारा कुश्ती खिलाड़ियों के बारे में यह कह कि खिलाड़ियों को धरने पर नहीं बैठना चाहिए था ओलंपिक संघ की यौन हिंसा मामले एक कमेटी है उसके पास आना चाहिए था इससे देश को छवि खराब होती।
इस पर योगेश्वर दत्त ने कहा दोनों अपनी जगह ठीक है। पीटी उषा का यह कहने का मतलब है कि यौन उत्पीडन की कमेटी होती उसके पास जाना चाहिए, अभी जांच कमेटी की जांच चल रही। उस कमेटी का महत्व नहीं, सजा देना कोर्ट का काम है कमेटी का नहीं। इस तरह से देश के प्रधानमंत्री भी किसी को सजा नहीं दी सकते। अनुराग ठाकुर को लेकर पहलवानों के पलटवार पर भी योगेश्वर दत्त ने कहा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर पर दो तीन दिन तक पहलवानों की बैठक हुई।
उन्होंने कहा कि घर के अंदर क्या बात हुई यह नहीं कह सकता,मगर पांच छ घंटे वे वहां रहे है। अब तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है अब उच्चतम न्यायालय का पुलिस हो यह हम सबको आदेश की पालना करनी होती है। सबका समर्थन उनको मिल रहा है जिससे भी उन्होंने मांगा है।
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