By-Election 2025: पंजाब से कश्मीर तक विधानसभा उपचुनाव में बड़ा मुकाबला, जानें कौन कितना आगे
By-Election Result: 7राज्यों की 8विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोट गिनती जारी है। राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रमोद भाया ने लगातार बढ़त बनाते हुए सत्ताधारी भाजपा के मोरपाल सुमन को पीछे छोड़ दिया है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा तीसरे स्थान पर आ गए हैं।
मिजोरम के डम्पा सीट से मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के डॉ. आर. ललथंगलियाना ने बढ़त बनाई है और जम्मू-कश्मीर की नागरोटा सीट पर बीजेपी की देवयानी राणा ने जीत हासिल कर ली है। वहीं, झारखंड की घाटशिला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे और भाजपा के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
पंजाब के तरनतारन में आम आदमी पार्टी आगे चल रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर की बडगाम सीट पर महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने बढ़त बनाई है। तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार मजबूत स्थिति में हैं, और ओडिशा की नुआपाड़ा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी आगे चल रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से तेलंगाना तक कड़ा मुकाबला
जम्मू-कश्मीर की नागरोटा सीट पर बीजेपी की देवयानी राणा ने मजबूत बढ़त बनाई है, जबकि बडगाम सीट पर जेकेडीपी आगे चल रही है। झारखंड के घाटशिला में जेएमएम उम्मीदवार सोमेश सोरेन और एनडीए उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। तेलंगाना की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव 2,995 वोटों की बढ़त के साथ आगे हैं, जबकि बीजेपी तीसरे नंबर पर है। मिजोरम की डम्पा सीट पर एमएनएफ उम्मीदवार ने अपने दमदार प्रदर्शन से बढ़त बना ली है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बढ़त बनाई
पंजाब के तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने बढ़त बनाई है। 8 राउंड की काउंटिंग के बाद AAP के हरमीत सिंह संधू 8,924 वोटों की बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। अकाली दल और कांग्रेस के प्रत्याशी पीछे हैं। इस सीट पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की पार्टी का प्रदर्शन तीसरे नंबर तक सीमित रहा है।
राजस्थान की अंता सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया
राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया 5 हजार से अधिक वोटों की बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा भाया के मुकाबले पीछे हैं, जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर बनी हुई है। इस सीट पर 80.1 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो उपचुनाव के लिए एक उत्साहवर्धक संख्या मानी जा रही है।
इन उपचुनावों के नतीजे राजनीतिक स्थिरता और नए समीकरणों की दिशा में इशारा करते हैं। कई जगहों पर सत्ता पक्ष को चुनौती मिली है, जबकि कुछ जगहों पर मजबूत पकड़ बनाए रखने में सफलता मिली है। इस चुनावी दौर ने देश की राजनीति को नई ऊर्जा और बदलाव की उम्मीद दी है। जनता की बढ़ती सक्रियता और दलों के बीच कड़ी टक्कर आगामी राजनीतिक परिदृश्य को और रोमांचक बनाएगी।
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