मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का ‘विकसित गुजरात’ के निर्माण की दिशा में बड़ा ऐलान, विकास कार्यों के लिए बढ़ाई राशि
गांधीनगर: गुजारात केमुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के आह्वान को गुजरात में ‘विकसित गुजरात’ के माध्यम से साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने देश के विकास के लिए राज्य के विकास को गति देने तथा विकास के रोलमॉडल के रूप में गुजरात की स्थापित पहचान को और अधिक उन्नत बनाने के लिए राज्य के विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए आवंटित की जाने वाली ग्रांट में भारी वृद्धि की है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के इस निर्णय के अनुसार विधायकों को स्थानीय महत्व के सामूहिक विकास कार्यों के लिए आवंटित की जाने वाली 1.50करोड़ रुपए की वर्तमान वार्षिक ग्रांट में 1करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। अब, विधायकों को 2.50करोड़ रुपए के हिसाब से वार्षिक ग्रांट दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने इस ग्रांट आवंटन के पीछे यह दृष्टिकोण भी अपनाया है कि राज्य के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण के कार्य शुरू कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रेरित ‘कैच द रेन’ अभियान को गति दें।
199.60लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ
उल्लेखनीय है कि वर्षा जल के संचयन से भविष्य की जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और भूगर्भ जल स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से राज्य में 2018से प्रतिवर्ष सुजलाम सुफलाम जल अभियान आयोजित किया जा रहा है।इस अभियान के तहत तालाबों को गहरा करना, चेकडैमों की गाद निकालना, नहरों तथा छोटी नहरों की मरम्मत, रखरखाव और साफ-सफाई, मिट्टी के तटबंध तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे जल संचयन के विभिन्न कार्य जनभागीदारी के जरिए किए जाते हैं।इस अभियान की सफलता के चलते पिछले 7वर्षों में जल संग्रहण क्षमता में 1,19,144लाख घनफुट की वृद्धि हुई है तथा 199.60लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानी की हर एक बूंद के संग्रहण के लिए ‘कैच द रेन’ अभियान में देशव्यापी भागीदारी का आह्वान किया है।इस आह्वान के समर्थन में राज्य के विधायक भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वर्ष जल संचयन के अधिक से अधिक कार्यों का आयोजन करें, ऐसा जनहितकारी दृष्टिकोण मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपनाया है।यह भी सुनिश्चित किया गया है कि विधायकों को आवंटित की जाने वाली विकास कार्यों की इस ग्रांट में से 50 लाख रुपए ‘कैच द रेन – सुजलाम सुफलाम जल अभियान 2.0’ के अंतर्गत उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जल संचयन और जल संरक्षण कार्यों के लिए उपयोग में लिए जाएं।
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