ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट 37 दिनों के इंतजार के बाद उड़ान के लिए तैयार, भारत में था फंसा

F35 fighter jet Flight Testing:21जुलाई 2025को एक सुखद समाचार मिला कि तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 37दिनों से अटके ब्रिटिश रॉयल नेवी के F-35B फाइटर जेट को अब उड़ान के लिए तैयार कर लिया गया है। यह जेट 14जून 2025की रात करीब 9:28बजे खराब मौसम और कम ईंधन के कारण आपात लैंडिंग के लिए उतरा था। यह जेट अरब सागर में भारत के केरल तट से 100नॉटिकल मील (लगभग 185किमी) दूर HMS प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत से एक संयुक्त अभ्यास के तहत नियमित उड़ान पर था, जिसमें भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल थीं। भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपने इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) से सुरक्षित लैंडिंग में मदद की। शुरुआत में इसे ईंधन भरकर वापस भेजने की योजना थी, लेकिन हाइड्रॉलिक सिस्टम और सहायक पावर यूनिट (APU) में खराबी पाए जाने से मरम्मत जरूरी हो गई।
जटिल मरम्मत प्रक्रिया पूरी
पांच हफ्ते से अधिक समय लगने वाली मरम्मत 6जुलाई 2025को शुरू हुई, जब 25ब्रिटिश इंजीनियरों की टीम विशेष उपकरणों के साथ RAF A400M एटलस विमान से पहुंची। जेट, जो initially बे नंबर 4पर बारिश में खड़ा था, 22दिन बाद गोपनीयता के लिए एयर इंडिया के हैंगर 2में शिफ्ट किया गया। टीम ने हाइड्रॉलिक और APU खराबियों को ठीक किया, जो उड़ान और लैंडिंग के लिए जरूरी हैं। इस दौरान हैंगर को सील कर ब्रिटिश सैनिकों ने सुरक्षा बढ़ाई। F-35B, जो $110-120मिलियन (लगभग ₹900-1000करोड़) की लागत वाला पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ जेट है, STOVL (शॉर्ट टेकऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग) और उन्नत तकनीक से लैस है। अब यह ट्रायल सॉर्टी के लिए तैयार है।
भारत-ब्रिटेन सहयोग और सबक
भारतीय वायुसेना ने रीफ्यूलिंग और ठहरने की व्यवस्था दी, जबकि CISF ने 24घंटे सुरक्षा सुनिश्चित की। एयर इंडिया का MRO हैंगर मरम्मत में सहायक रहा, जो भारत-ब्रिटेन सैन्य संबंधों को दर्शाता है। ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारतीय अधिकारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। यह घटना उन्नत तकनीक की चुनौतियों, गोपनीयता की जरूरत और दोनों देशों के मजबूत बंधन को रेखांकित करती है।
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