Petrol-Diesel को GST के दायरे में लाने की तैयारी में केंद्र सरकार, जानें इससे आपको कैसे मिलेगा फायदा?

GST on Petrol and Diesel: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को हुई 53वीं GSTकाउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को GST(वस्तु एवं सेवा) के तहत लाने पर विचार कर रही है। देश में लंबे समय से पेट्रोल और डीजल को GSTके दायरे में लाने की मांग चल रही थी। अगर ऐसा हुआ तो देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही पेट्रोल-डीजल को GSTकानून में शामिल करने का प्रावधान कर चुके हैं। अब इस बारे में राज्यों को फैसला लेना है और उन्हें मिलकर दरें (GSTदरें) तय करनी चाहिए। बता दें कि,केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। जबकि, वैट राज्य सरकार वसूलती है। इसके अलावा परिवहन लागत और डीलर कमीशन को जोड़ने के बाद अंतिम कीमत आती है।
देश में कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
उदाहरण के तौर पर फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। इस पर 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 15.39 रुपये वैट लगता है। इसके बाद परिवहन लागत और डीलर कमीशन क्रमशः 20 पैसे और 3.77 रुपये है। ऐसे में अंतिम कीमत 94.72 रुपये बैठती है।
वहीं, दिल्ली में डीजल का बेस प्राइस 56.20 रुपये है। इस पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 12.82 रुपये वैट लगता है। इसके बाद परिवहन लागत और डीलर कमीशन क्रमशः 22 पैसे और 2.58 रुपये है। ऐसे में अंतिम कीमत 87.62 रुपये है।
पेट्रोल-डीजल को GSTके दायरे में लाने से हमें क्या फायदा होगा?
ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर पेट्रोल और डीजल को GSTके दायरे में लाया जाए तो काफी फायदा होगा, क्योंकि GSTकी अधिकतम दर 28 फीसदी है।
दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। अगर इस पर 28 फीसदी GSTलगाया जाए तो टैक्स 15.58 रुपये हो जाता है। यदि परिवहन लागत और डीलर कमीशन क्रमशः 20 पैसे और 3.77 रुपये जोड़ दिया जाए, तो अंतिम कीमत 75.01 रुपये आती है। ऐसे में पेट्रोल 19.7 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है।
1 जुलाई 2017 को जब GSTलागू हुआ तो इसमें एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय और राज्य शुल्क शामिल थे। हालाँकि, यह निर्णय लिया गया कि पाँच वस्तुओं - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन (एटीएफ) - पर बाद में GSTकानून के तहत कर लगाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल को GSTके दायरे में लाने का फैसला होते ही इसे कानून में शामिल कर लिया जाएगा।
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