ब्रिटिश व्हिस्की-बीयर की कीमतों में कटौती, भारत-UK डील से बजट में मिलेगी अंग्रेजी शराब

India-UK FLA Deal: भारत और यूके के बीच हाल ही में हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) ने दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। यह समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ब्रिटिश व्हिस्की, बीयर और अन्य प्रीमियम उत्पादों को पहले से कहीं अधिक किफायती बनाएगा।
शराब और बीयर पर टैक्स में भारी कटौती
भारत और यूके मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत ने ब्रिटिश व्हिस्की और बीयर पर लगने वाले आयात शुल्क में बड़ी छूट देने का फैसला किया है। वर्तमान में ब्रिटिश व्हिस्की पर 150% का आयात शुल्क लगता है, जिसे घटाकर अब 75% कर दिया गया है। इतना ही नहीं, अगले दस वर्षों में इसे और कम करके 40% तक लाने का लक्ष्य है। इसी के साथ, बीयर पर भी आयात शुल्क में 75% तक की कमी की गई है। जिससे ब्रिटिश ब्रांड्स जैसे ब्रूडॉग, थेकस्टन ओल्ड पेकुलियर और वोकेशन जैसी बीयर भारतीय बाजार में सस्ती हो जाएंगी।
इसके अलावा प्रीमियम ब्रांड्स जैसे टैनक्वेरे, बॉम्बे सैफायर, बिफीटर और गॉर्डन्स की कीमतों में भी कमी आएगी। लोकप्रिय व्हिस्की ब्रांड्स जैसे जॉनी वॉकर, चिवास रीगल, ग्लेनमोरांजी, ग्लेनफिडिच और जुरा अब भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ होंगे। हालांकि, भारत ने वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है, ताकि यूरोपीय संघ जैसे अन्य व्यापारिक साझेदारों के दबाव से बचा जा सके।
भारत-UK व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
इस डील से भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिटिश उत्पाद कम कीमत पर मिलेंगे। शराब और बीयर के शौकीनों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि अब प्रीमियम ब्रांड्स पहले की तुलना में किफायती होंगे। हालांकि, भारतीय शराब कंपनियों को ब्रिटिश ब्रांड्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें, वर्तमान में भारत और UK के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है, जिसे 2030 तक दोगुना करके 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99% निर्यात पर आयात शुल्क या तो पूरी तरह हटाया जाएगा या काफी कम किया जाएगा।
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