बिहार में चला मोदी के हनुमान का जादू, चिराग के हाथ लग सकती है 29 में से 22 सीटें
Bihar Assembly Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी शुरू कर चुकी थी। चुनाव की घोषणा से पहले LJP के मुखिया सीटों को लेकर एनडीए के साथ अपना तालमेल बैठा कहे थे। बीजेपी भी उनको मनाने के लिए पूरा दम लगा चुकी थी। बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान खुद चिराग को मनाने के लिए पहुंचे थे।
आज, 14 नवंबर को चुनावी नतीजों के दौरान साफ नजर आ रहा है कि चिराग क्यों इस चुनाव के लिए जरूरी थे। कुल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही चिराग की पार्टी 22 सीटों पर अपना कब्जा जमाए हुए है। यानी इस बार के चुनाव में चिराग का स्ट्राइक रेट कमाल का है। बिहार चुनाव में चिराग वाकई एक विजेता के तौर पर उभरे हैं।
चिराग के प्रदर्शन ने जीता भरोसा
इसके साथ ही ये भी देखना होगा कि चिराग पासवान पर एनडीए और खासकर बीजेपी नेतृत्व का ये भरोसा खास है। पिछली विधानसभा में उनकी पार्टी के पास एक भी विधायक नहीं था, लेकिन एनडीए कोटे से उन्हें 29 सीटें दी गईं। चिराग ने अपने प्रदर्शन से उस भरोसे को कायम रखा है। उस दांव को सफल साबित कर चुके हैं।
एनडीए में सीटों का बंटवारा
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे के तहत सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी 101-101 सीट पर चुनाव लड़ी है। वहीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिलीं। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें मिलीं।
एक सीट पर मिली थी जीत
वहीं, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115, बीजेपी ने 110 और मांझी की हम ने सात सीट पर चुनाव लड़ा था। उस समय चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग होकर 135 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उन्हें केवल एक सीट, मटियानी पर जीत हासिल की थी। हालांकि वहां के विधायक ने बाद में पाला बदल लिया और जेडीयू में शामिल हो गए।
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