Uniform Civil Code: उत्तराखंड में आज से UCC होगा लागू, शादी रजिस्ट्रेशन और लिव इन पर सख्त नियम; जानें 10 बड़ी बातें
Uttarakhand UCC News:उत्तराखंड में ढाई साल की तैयारियों के बाद आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज मुख्य सेवक सदन में यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यूसीसी के लिए तैयार ऑनलाइन पोर्टल की मॉक ड्रिल भी सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। इससे साफ हो गया है कि राज्य में सोमवार से समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही, उत्तराखंड में कई बड़े बदलाव होने की संभावना है।
समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। गृह सचिव ने शनिवार को इस संबंध में पत्र जारी किया था, जिसमें यूसीसी के लागू होने की पुष्टि की गई थी। अब उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां समान नागरिक संहिता को लागू किया जा रहा है, जो राज्य में नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को समान रूप से सुनिश्चित करेगा।
1- हलाला प्रथा का अंत
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद, राज्य में हलाला जैसी प्रथा को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, बहुविवाह पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।
2- लड़कियों को मिलेगा विरासत का समान अधिकार
इस बिल में लड़कियों को भी लड़कों के समान विरासत का अधिकार देने का प्रावधान है। अब तक कई धर्मों के पर्सनल लॉ में लड़कियों को लड़कों के बराबर विरासत का अधिकार नहीं था।
3- शादी का पंजीकरण अनिवार्य
यूसीसी में शादी का पंजीकरण अब अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, शादी का रजिस्ट्रेशन न कराने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। विवाह और तलाक के पंजीकरण पर 25,000रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
4- विवाह पंजीकरण पर नई शर्तें
अब विवाह का पंजीकरण छह महीने के भीतर करना जरूरी होगा। अगर पंजीकरण के लिए दिए गए आवेदन पर 15दिनों के अंदर निर्णय नहीं लिया जाता, तो इसे स्वीकृत माना जाएगा।
5- सशस्त्र बलों के लिए विशेष नियम
यूसीसी के तहत सशस्त्र बलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई सैनिक, वायुसैनिक या नौसैनिक विशेष अभियान में हो, तो वह विशेषाधिकार वाली वसीयत बना सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि सैनिक के हस्ताक्षर से जरूरी होगी।
6- लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए भी अब पंजीकरण करना जरूरी होगा। यह व्यवस्था पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद होगी, और ऐसे रिश्तों में पैदा हुए बच्चों को शादीशुदा जोड़ों के बच्चों के समान अधिकार मिलेगा।
7- महिला अधिकारों पर जोर
यूसीसी विधेयक महिला अधिकारों को प्राथमिकता देता है। इसमें बहुविवाह पर रोक और लड़कियों की शादी की उम्र को 18साल से बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।
8- गोद लेने की प्रक्रिया सरल होगी
यूसीसी बिल में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा।
9- गोद लिए बच्चों को मिलेगा समान अधिकार
नाजायज और गोद लिए बच्चों को जैविक संतान के समान अधिकार मिलेंगे। लिव-इन में रहने वालों के बच्चों को भी जायज माना जाएगा। सभी धर्मों के लोग अब बच्चों को गोद ले सकेंगे, लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
10- विशेष प्रावधान
तलाक या घरेलू झगड़ों में, पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी मां के पास रहेगी। साथ ही, लड़कियों की शादी की उम्र सभी जाति और धर्मों में समान होगी।
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