कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बिहार की जनता को किया संबोधित, किसानों को कहा देश का मालिक
Agriculture Development: सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर को कृषि क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान एवं वैज्ञानिक प्रगति को नई गति देने के उद्देश्य से कृषि मंत्री राम कृपाल यादव द्वारा “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान-नवाचार किसानों की राज्य स्तरीय संगोष्ठी” का उद्घाटन बामेती सभागार, पटना में किया गया। ये संगोष्ठी पटना के साथ-साथ बिहार के सभी प्रखंडों में एक साथ आयोजित की गई, जिससे राज्य के कोने–कोने के किसान, युवा एवं विशेषज्ञ इस विचार-विमर्श से जुड़े।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने भारत रत्न, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि अटल जी केवल प्रधानमंत्री नहीं थे। वे एक विचारधारा, संवेदना और राष्ट्र की आत्मा की आवाज थे। उनका ये विश्वास कि “किसान समृद्ध होगा, तभी राष्ट्र समृद्ध होगा” आज भी हमारी कृषि नीतियों का मूल मंत्र है।
प्रधानमंत्री का किया जिक्र
उन्होंने बताया कि 1965 में लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिए गए “जय जवान, जय किसान” के नारे को अटल जी ने “जय विज्ञान” जोड़कर देश को सुरक्षा, खेती और विज्ञान के समन्वय का संदेश दिया। पोखरण परमाणु परीक्षण के माध्यम से उन्होंने भारत के आत्मसम्मान और सुरक्षा संकल्प को विश्व पटल पर मजबूती से स्थापित किया। मंत्री ने कहा कि आज उसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” का उद्घोष कर अनुसंधान एवं नवाचार को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बताया है। बिहार कृषि प्रधान राज्य है; अतः किसान सशक्तिकरण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
किसानों को कहा मालिक
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसान हमारे अन्नदाता ही नहीं मालिक हैं। ऊपर भगवान हैं और नीचे किसान। किसानों की सेवा को हम भगवान की सेवा मानते हैं। जो भी किसान को परेशान करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। किसान-विरोधी मानसिकता रखने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। सरकार हर सुख–दुख में किसानों के साथ खड़ी है।
उत्पादन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि- कृषि मंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में साल 2008 से लागू कृषि रोडमैप की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि धान, गेहूँ, मक्का सहित खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। बिहार आज फल–सब्जी उत्पादन में अग्रणी राज्यों में है तथा मखाना और लीची जैसे उत्पादों के माध्यम से वैश्विक पहचान बना चुका है। मंत्री ने कहा कि एक समय था जब भारत में विदेशों से अनाज आयात हुआ करता था। लेकिन हमारे किसानों की मेहनत और वैज्ञानिकों के सहयोग से आज हम फल सब्जी अनाज दूसरे देशों को भेजने की स्थिति में हैं। मैं चाहता हूँ कि बिहार का फसल उत्पादन विश्व के हर कोने तक पहुंचे। बिहार को कृषि के क्षेत्र में अव्वल राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है।
किसान कॉल सेंटर को सशक्त किया गया
प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान तकनीक आधारित व्यवस्था से ही संभव है। इसी उद्देश्य से किसान कॉल सेंटर को सशक्त किया गया है ताकि किसानों को समय पर परामर्श और समाधान मिल सके। उन्होंने कृषि उत्पादों की सीधी और सुगम बाजार पहुँच, आधुनिक तकनीक, नवाचार एवं अनुसंधान को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ एग्रीकल्चर के तहत कम समय में अधिक उत्पादन, बेहतर लाभ, वर्ष में तीन फसलों की खेती और सतत नवाचार के माध्यम से बिहार की कृषि को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है, जिसमें प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ युवाओं की भूमिका निर्णायक है।
संगोष्ठी में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। किसान राम विनय कुमार, दुल्हिन बाजार (पटना) ने प्राकृतिक खेती को वैज्ञानिक पद्धतियों एवं पारंपरिक ज्ञान से जोड़कर उसे अधिक पर्यावरण-अनुकूल, टिकाऊ और लाभकारी बनाने के सुझाव साझा किए।
इस अवसर पर विशेष सचिव डॉ. बीरेंद्र प्रसाद यादव, निदेशक कृषि श्री सौरभ सुमन यादव, बामेती के निदेशक श्री धनंजय पति त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में किसान, कृषि वैज्ञानिक एवं विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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