सिर्फ एक मंदिर की जंग में 14 लोगों ने गवाई जान, थाईलैंड-कंबोडिया ने एक-दूसरे पर बरसाए बम और गोले

Thailand Cambodia Conflict: दो पड़ोसी दक्षिण-पूर्व एशियाई देश थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक बार फिर सीमा पर हिंसक झड़प हो रही है। लेकिन इस बार तनाव का मुद्दा 11वीं शताब्दी का प्राचीन हिंदू मंदिर परिसर, प्रसात ता मुएन थॉम है, जो दांग्रेक पर्वत श्रृंखला में थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के ओड्डार मीनचे प्रांत के बीच की विवादित सीमा पर स्थित है। इस मंदिर विवाद को लेकर शुरु हुई हिंसा में अभी तक करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
सामान्य गोलीबारी रॉकेट और हवाई हमलों मे बदली
बीते दिन यानी 24 जुलाई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हिंसा की शुरुआत हुई। जब थाई सेना ने दावा किया कि उन्होंने ता मुएन थॉम मंदिर के पास एक कंबोडियाई ड्रोन देखा। जिसके बाद से दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। लेकिन जल्द ही यह गोलीबारी रॉकेट हमलों और थाईलैंड द्वारा F-16 लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल तक बढ़ गई। कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाईलैंड ने पहले हमला किया, जबकि थाईलैंड का दावा है कि कंबोडियाई सैनिकों ने मंदिर के पास पहले गोलीबारी शुरू की।
इस हमले में करीब 14 लोग मारे गए हैं। थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने BM-21 रॉकेट लांचरों से नागरिक क्षेत्रों, जैसे फनोम डोंग राक अस्पताल, पर हमला किया। इसके जवाब में, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से 'तत्काल बैठक' बुलाने की मांग की, जिसमें थाईलैंड पर जानबूझकर हमले का आरोप लगाया गया।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद का कारण
बता दें, प्रसात ता मुएन थॉम, जिसका अर्थ खमेर भाषा में "ग्रैंडफादर चिकन का महान मंदिर" है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसे 11वीं शताब्दी में खमेर साम्राज्य के राजा उदयादित्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में बनाया गया था। इसमें प्राकृतिक चट्टान से बना शिवलिंग और संस्कृत शिलालेख मौजूद हैं, जो प्राचीन भारतीय संस्कृति और कला के प्रभाव को दर्शाते हैं। इस मंदिर परिसर में दो अन्य छोटे मंदिर, प्रसात ता मुएन और प्रसात ता मुएन तोच, भी शामिल हैं, जो कभी खमेर साम्राज्य की सड़क प्रणाली का हिस्सा थे।
अब समस्या यह है कि थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही देश इस मंदिर परिसर पर अपना दावा करते हैं। कंबोडिया का कहना है कि यह मंदिर खमेर साम्राज्य की ऐतिहासिक सीमाओं के भीतर आता है। जबकि थाईलैंड इसे अपने सुरिन प्रांत का हिस्सा मानता है। दरअसल, यह विवाद 1907 के फ्रांसीसी नक्शे से उत्पन्न हुआ, जब कंबोडिया फ्रांस के उपनिवेश में था। इस नक्शे ने सीमा को दांग्रेक पर्वतों की प्राकृतिक जलसंनाद रेखा के आधार पर परिभाषित किया था, लेकिन थाईलैंड ने इसे बाद में गलत बताया।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular

Leave a Reply