NIA करेगी पहलगाम हमले की जांच, कश्मीर में कई आतंकियों के घर धवस्त
Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत कई आयामों पर कार्रवाई कर रहा है। एक ओर जहां पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं तो वहीं जम्मू कश्मीर में रहने वाले आतंकवादियों या उनके मददगारों पर भी सख्ती की जा रही है। इस बीच पहलगाम हमले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दे दी गई है। NIA पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें 2 विदेशी पयर्टक भी शामिल थे। इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकियों के स्केच भी जारी किया था। इस हमला को अंजाम देने वालों में पाकिस्तानियों के साथ ही कुछ स्थानीय आतंकवादी भी मौजूद थे। स्थानीय आतंकियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने अबतक 8 घरों को जमीनदोश कर दिया है।
26 पर्यटकों की गई थी जान
22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। आतंकियों ने लोगों से धर्म पूछकर उन्हें मारा था। इस घटना के बाद देशभर के लोगों में रोष व्याप्त है। देशभर में रोजाना प्रदर्शन हो रहे हैं। मृतकों का बदला लेने के लिए कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती दिखा रही है। भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाला पानी पर रोक दिया है। तो वहीं, भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों को चिन्हित करके वापस उनके देश भेजा रहा है। बिहार के मधुबनी में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों और उनके सरपरस्तों को सबक सिखाने की घोषणा की थी। जिसका असर भी धीरे-धीरे देखने को मिल रहा है। भारत-पाक सीमा पर युद्ध जैसे हालात बनते दिख रहे हैं।
कई आतंकियों के घर को गिराया
सरकार पाकिस्तान और आतंकियों के साथ ही उनके मददगारों पर भी कार्रवाई कर रही है। पहलगाम हमले के बाद करीब 1500 लोगों को जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही इस हमले में शामिल आतंकियों और उनको मदद पहुंचाने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। पिछले तीन दिनों में 9 आतंकियों को चिन्हित करके उनके घरों को तोड़ दिया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों के तंत्र को खत्म करने के अपने अथक प्रयासों में श्रीनगर पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज मामलों में शामिल ओजीडब्ल्यू और आतंकवादी सहयोगियों के आवासों पर शहर भर में तलाशी ली। साथ ही उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों की निगरानी में कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में उचित कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार तलाशी ली गई है।
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