UP में धर्म के नाम पर काला खेल, आगरा से बलरामपुर तक झाड़-फूंक कर होता था धर्मांतरण

Illegal Conversion In UP: हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश से अवैध धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं। इस मामले में आगरा, बलरामपुर और प्रतापगढ़ जैसे जिले सुर्खियों में रहे हैं। वहीं, पुलिस और एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने इस गंभीर मुद्दे पर सख्ती दिखाते हुए कई बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इन मामलों में न केवल स्थानीय स्तर पर सक्रिय गिरोह शामिल हैं, बल्कि विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से कथित संबंधों के भी सबूत सामने आए हैं। साथ ही, ईसाई मिशनरियों पर भी प्रलोभन और झाड़-फूंक के नाम पर धर्मांतरण कराने के आरोप लगे हैं।
आगरा में बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़
दरअसल, आगरा में पुलिस ने एक व्यापक अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा किया। जिसमें छह राज्यों—गोवा, कोलकाता, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार, इस रैकेट की शुरुआत मार्च 2025 में दो बहनों के गायब होने की शिकायत के बाद हुई, जब जांच में पता चला कि उनका जबरन धर्मांतरण कराया गया था। पुलिस की मानें तो यह गिरोह 'लव जिहाद' के जरिए युवतियों को निशाना बनाता था। उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करता था।
बलरामपुर में छांगुर बाबा का काला कारनामा
हाल ही में बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के नेतृत्व में एक और बड़ा धर्मांतरण रैकेट पकड़ा गया। छांगुर बाबा और उसके सहयोगी जैसे सबरोज और शहाबुद्दीन, भारत-नेपाल सीमा के जिलों बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज में नेटवर्क फैलाने में जुटे थे। इन्हें विदेशी फंडिंग के जरिए संचालित किया जा रहा था। छांगुर बाबा को पहले भी 2023 में आजमगढ़ पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के लिए गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद उसने फिर से गतिविधियां शुरू कर दीं। हाल ही में उसकी आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया, जो अवैध धर्मांतरण से कमाए धन का प्रतीक मानी जा रही थी।
प्रतापगढ़ में चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण
प्रतापगढ़ के जेठवारा थाना क्षेत्र में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। ये लोग झाड़-फूंक और 'चंगाई सभा' के नाम पर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दे रहे थे। छापेमारी के दौरान पुलिस को धार्मिक पोस्टर, लकड़ी का क्रॉस, ईसा मसीह की तस्वीरें और अन्य धार्मिक साहित्य मिले। स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि पिछले छह महीनों से इन सभाओं के जरिए धर्मांतरण का खेल चल रहा था।
ईसाई मिशनरियों की सक्रियता
बता दें, उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे अंबेडकरनगर और बरेली में ईसाई मिशनरियों पर भी अवैध धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। अंबेडकरनगर में अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने एक चर्च के पादरी प्रमोद कुमार को गिरफ्तार किया, जो गरीब महिलाओं को प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रहा था। बरेली के फरीदपुर में मिशनरी लालजी और उनकी बेटी को हिरासत में लिया गया, जिन पर प्रार्थना सभाओं के जरिए हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। इन मामलों में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की है।
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