2011 के बाद राजधानी में फिर धमाका, 9 लोगों ने गंवाई जान; जानिए दिल्ली के आतंक का इतिहास
Delhi Blast History:देश की राजधानी दिल्ली में 2011 के हाईकोर्ट ब्लास्ट के बाद पहली बार एक बड़ा विस्फोट हुआ है, जिसने पूरे शहर को दहला दिया। रविवार 10 नवंबर की शाम रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास एक सफेद ह्यूंडई i20 कार में हुए इस धमाके में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल हैं। जांच एजेंसियों ने इसे आतंकी हमला करार दिया है और इसके तार हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए एक टेरर मॉड्यूल से जुड़ते नजर आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) की धाराएं लगाई हैं, जबकि गृह मंत्रालय ने सभी एंगल की जांच के आदेश दिए हैं।
कैसे हुआ धमाका?
पुलिस जांच में सामने आया कि यह घटना शाम करीब 6:50बजे की है, जब लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर 1के पास रुकी कार में अचानक विस्फोट हुआ। आसपास की दुकानें, पर्यटक और राहगीर इसकी चपेट में आ गए। दिल्ली पुलिस ने इसे एक संभावित आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से जोड़ा है और जांच में 5टन आरडीएक्स जैसी सामग्री की जब्ती का जिक्र भी सामने आया है। लेकिन सबसे ज्यादा दर्दनाक हैं चश्मदीदों के बयान, जो घटना की विभीषिका को बयां करते हैं।
पुलवामा कनेक्शन और फरीदाबाद मॉड्यूल
शुरुआती जांच से पता चला है कि कार का मालिक जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. मोहम्मद उमर है, जो फरीदाबाद के 'व्हाइट कॉलर' टेरर नेटवर्क से जुड़ा था। इस मॉड्यूल में कश्मीरी डॉक्टर और प्रोफेसर शामिल हैं, जो पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से निर्देशित थे। 30 अक्टूबर से फरीदाबाद में छापेमारी में 2900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी, जिसने संदिग्धों को घबरा दिया। उमर ने गिरफ्तारी के डर से हड़बड़ी में हमला किया। कार कई हाथों से गुजरी थी, और ब्लास्ट साइट से मिले शव की डीएनए जांच चल रही है। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का लिंक भी सामने आया है।
कब-कब दहली राजधानी?
दिल्ली में आतंकी हमलों का लंबा इतिहास है, जहां बाजार, मंदिर और सार्वजनिक जगहों को निशाना बनाया गया। 2011 के बाद यह पहला बड़ा धमाका है, लेकिन पहले भी कई घटनाएं शहर को झकझोर चुकी हैं।
- 09 जनवरी 1997 में ITO दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने धमाका हुआ, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
- 01 अक्टूबर 1997 में सदर बाजार में धमाका हुआ, जिसमें 30 लोग घायल हुए थे।
- 10 अक्टूबर 1997 में शांतिवन, कौरिया पुल, किंग्सवे कैंप में धमाका हुआ, जिसमें 1 की मौत और 16 घायल हुए थे।
- 18 अक्टूबर 1997 में रानी बाग बाजार में धमाका हुआ, जिसमें 1 की मौत और 23 घायल हुए थे।
- 26 अक्टूबर 1997 में करोल बाग में धमाका हुआ, जिसमें 1 की मौत और 34 घायल हुए थे।
- 30 नवंबर 1997 में लाल किले के पास धमाका हुआ, जिसमें 3 की मौत और 70 लोग घायल हुए थे।
- 03 जून 1999 में चांदनी चौक में धमाका हुआ, जिसमें 27 लोग घायल हुए थे।
- 06 जनवरी 2000 में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन में धमाका हुआ, जिसमें 20 लोग घायल हुए थे।
- 27 फरवरी 2000 में पहाड़गंज के बाजार में विस्फोट हुआ, जिसमें 8 लोग घायल हुए थे।
- 16 मार्च 2000 में सदर बाजार में विस्फोट हुआ, जिसमें 7 लोग घायल हुए थे।
- 13 दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हमला हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए थे।
- 29 अक्टूबर 2005 में सरोजिनी नगर, पहाड़गंज, गोविंदपुरी में 62 लोगों की मौत और 210 घायल हुए थे।
- 13 सितंबर 2008 में करोल बाग (गफ्फार मार्केट), कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश-1 में हुए धमाके में 30 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल।
- 07 सितंबर 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए विस्फोट में 9 लोगों की मौत और 50 घायल।
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